करौली.1971 भारत-पाक युद्ध के स्वर्णिम विजय वर्ष की खुशी में भारतीय सेना की ओर से निकाली जा रही विजय मशाल यात्रा बुधवार को करौली पहुंची. इस दोरान सैनिकों ने सर्किट हाउस से लेकर राजकीय कॉलेज तक मशाल यात्रा निकाली और दिवगंत सैनिकों को श्रद्धांजलि दी.
भारतीय सेना की विजय मशाल यात्रा पहुंची करौली... जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने बताया कि 1971 के युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर जीत की 50वीं वर्षगांठ और बांग्लादेश निर्माण में अपनी शहादत देने वाले वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए सेना की चार टीमें देश में मशाल यात्रा निकालकर इस ऐतिहासिक जीत की खुशी को ताजा कर रही है. उन्होंने बताया कि इस मशाल यात्रा का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित नेशनल बॉर मेमोरियल में शहीद जवानों को श्रद्धाजंली देने के साथ चार विजय मशाल प्रज्वलित कर किया था. अब यह यात्रा विभिन्न शहरों में होते हुए बुधवार को करौली पहुुंची है.
पढ़ें:सीकर पहुंची सेना की मशाल यात्रा, वीरांगनाओं का किया सम्मान
यात्रा के करौली पहुंचने पर सर्किट हाउस से लेकर कॉलेज तक मशाल यात्रा निकाली और वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने बताया कि ये मशाल यात्रा 1971 के युद्ध के वीर चक्र और महावीर चक्र विजेताओं के गांवों में जाएंगी. इन पदक विजेता वीरों के गांवों और जहां अहम लड़ाई लड़ी गईं, उन जगहों की मिट्टी नेशनल वॉर मेमोरियल लाई जाएगी. 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर विजय हांसिल करने की याद में भारत 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाता है. इसी विजय से बांग्लादेश का निर्माण हुआ था.
कहां-कहां से होकर गुजरेगी मशाल
विजय मशाल सेना के नेतृत्व में देशभर में ले जायी जा रही हैं. मशाल दिल्ली से चलकर मथुरा होते हुए भरतपुर, करौली, अलवर, हिसार, जयपुर, कोटा, आदि सैन्य छावनी क्षेत्रों और उनके दायरे में आने वाले शहरों का भ्रमण करती हुई वापस दिल्ली पहुंचेगीं. यात्रा की अवधि एक साल की होगी. यात्रा बांग्लादेश की राजधानी ढाका भी जाएगी.