राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

करौली: जयपुर ग्रेटर नगर निगम मेयर के पति राजाराम गुर्जर को न्यायालय ने 16 मार्च तक भेजा जेल

जयपुर ग्रेटर नगर निगम की मेयर सौम्या गुर्जर के पति और नगर परिषद के पूर्व सभापति राजाराम गुर्जर को करौली की कोतवाली पुलिस ने कोर्ट में पेश किया है. यहां उन्हें 16 मार्च तक जेल भेज दिया गया है.

karauli news, rajaram gurjar sent to jail
जयपुर ग्रेटर नगर निगम मेयर के पति राजाराम गुर्जर को न्यायालय ने 16 मार्च तक भेजा जेल

By

Published : Mar 5, 2021, 11:31 AM IST

करौली.जयपुर ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर के पति और नगर परिषद के पूर्व सभापति राजाराम गुर्जर को करौली की कोतवाली पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 16 मार्च तक जेल भेज दिया गया है. थानाधिकारी रामेश्वर दयाल मीना ने बताया कि पूछताछ पूरी होने पर राजाराम गुर्जर को न्यायालय में पेश किया. न्यायालय ने गुर्जर को जेल भेजने के आदेश दिए. बता दें कि नगर परिषद के तत्कालीन इस्पेक्टर से मारपीट के मामले में गुर्जर अग्रिम जमानत पर थे, लेकिन गत दिनों अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी. इसके बाद करौली की कोतवाली पुलिस ने गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस उन्हें जयपुर से करौली लाई.

जयपुर ग्रेटर की महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर के खिलाफ करौली के कोतवाली थाने में 13 नवंबर 2019 को स्वास्थ्य निरीक्षक ने मारपीट का मामला दर्ज करवाया था. इसमें गुर्जर की याचिका पर हाईकोर्ट ने 20 फरवरी 2020 से अंतरिम जमानत दे रखी थी. स्वास्थ्य निरीक्षक मुकेश कुमार सैनी ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया था, जिसमें कहा था कि नगर परिषद सभापति ने घर बुलाकर ठेकेदार की ओर से पेश 340 श्रमिकों के बिल पर हस्ताक्षर करने को कहा. सैनी ने कहा कि उनकी ओर से 190 सफाई श्रमिक कार्यरत होने की रिपोर्ट भेजी जा चुकी थी. इसी वजह से उसने बिल के प्रमाणीकरण करने से इनकार कर दिया, जिस पर उससे मारपीट की.

यह भी पढ़ें-Exclusive : इस बार चारों विधानसभा सीटें जीतेंगे, जादूगर का जादू नहीं चलेगा : कैलाश चौधरी

गुर्जर ने जमानत याचिका में कहा कि पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है. राजनीति के चलते ही उनको पद से हटाया गया था. उसके खिलाफ जो 11 मामले पेंडिंग बताए गए हैं, उनमें से एक को छोड़कर सभी में राजीनामा हो चुका है. ऐसे में उसे अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए. वहीं परिवादी मुकेश के अधिवक्ता रजनीश गुप्ता ने विरोध करते हुए कहा याचिकाकर्ता आदतन अपराधी है. पुलिसकर्मियों से मारपीट तक के मामले दर्ज रहे हैं. उससे जबरन फर्जी बिलों पर हस्ताक्षर करवाने की कोशिश की गई है. वहीं सरकारी अधिवक्ता ने भी जमानत याचिका का विरोध किया. इसके बाद न्यायाधीश एनएस ढढ्ढा ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details