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प्रदेशभर में धूमधाम से मनाई गई गुरु पूर्णिमा, गुरुओं ने दिए पर्यावरण को स्वस्थ रखने का संदेश - पाली

गुरु पूर्णिमा देशभर में धूमधाम से मनाई जा रही है. प्रदेश के करौली और पाली जिले में भी मंगलवार को इस अवसर पर कई आयोजन हुए. इस दौरान शिष्यों ने अपने गुरु की चरण वंदना कर आर्शावाद लिया और सद मार्ग पर चलने का वचन दिया.

धूमधाम से मनाया गया गुरु पूर्णिमा महोत्सव

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Published : Jul 16, 2019, 5:56 PM IST

करौली. देश भर में मंगलवार को गुरु पूर्णिमा का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया. इस कड़ी में मंगलवार को जिले के गौमती आश्रम, चैनपुर आश्रम, गायत्री पीठ करौली, मौनी बाबा अतेवा आश्रम सहित निजी मैरिज हॉल और घरों में गुरु पूजा और वंदना का कार्यक्रम आयोजित किया गया. शिष्यों ने अपने गुरु का पूजन कर सद मार्ग पर चलने का आशीष प्राप्त किया.

धूमधाम से मनाया गया गुरु पूर्णिमा महोत्सव

वहीं शिष्यो ने गुरु को विश्व कल्याण और प्राणी मात्र के हित में काम करने का वचन दिया. जिले भर में आयोजित गुरु पूर्णिमा कार्यक्रमों में गुरू के जयकारे गूंजतें रहें. इस दौरान लाखों लोगों ने पूजा अर्चना के बाद प्रसादी ग्रहण की. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर उत्तर भारत के प्रसिद्ध कैला देवी आस्था धाम में और मदनमोहन मंदिर में तड़के से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी और कतार बंद होकर दर्शन किए और खुशहाली की दुआ मांगी.

संत भगवान दास महाराज ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए पौधारोपण और समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाकर सनातन धर्म की रक्षा का संदेश दिया जाता है. किसी भी व्यक्ति के अंधकारमय जीवन में ज्ञान की ज्योति प्रदान करता है. इससे मनुष्य उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर होता है.

पाली में भी हुआ गुरुओं का वंदन

पाली शहर सहित जिलेभर में भी गुरु पूर्णिमा को लेकर मंगलवार को विभिन्न धार्मिक आयोजन किए गए. जिसमें विभिन्न गुरु आश्रम में श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य गुरुदेव का वंदन कर उनके आशीर्वाद लिया. इस मौके पर पाली से 20 किलोमीटर दूर ओम आश्रम में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इसमें महामंडलेश्वर महेश्वरानंद महाराज का वंदन करने के लिए हजारों की संख्या में उनके शिष्य पहुंचे और सामूहिक रूप से उनके आरती कर उनका वंदन किया.

कार्यक्रम में महामंडलेश्वर महेश्वरानंद स्वामी ने अपने शिष्यों को नेकी के पथ पर चलने की सलाह दी. साथ ही जीवन में संयम रखने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि शास्त्रों में भी गुरु पूर्णिमा का महत्व सबसे बड़ा बताया गया है. उन्होंने कहा कि यह एक दिन ऐसा है जब भगवान खुद भी अपने गुरु का वंदन करने के लिए धरती पर उतरते हैं. वर्तमान में पाली में पानी का संकट आया हुआ है. ऐसे में सभी शिष्यों को पानी का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करने के लिए भी कहा. साथ ही ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाकर धरती को हरा भरा करने के लिए भी कहा.

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