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करौली में टिड्डी दल की दस्तक, कृषि विभाग ने अभियान चलाकर किया खात्मा

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Published : Jul 1, 2020, 4:07 PM IST

करौली जिले में इन दिनों टिड्डियों का प्रकोप देखने को मिल रहा है. टिड्डी दल सपोटरा इलाके में पेड़ों पर जाकर बैठ गया. जिसके बाद ग्रामीणों की सूचना के आधार पर कृषि विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर दवाइयों का स्प्रे कर टिड्डियों का सफाया कर दिया.

करौली न्यूज, राजस्थान में टिड्डी दल
टिड्डी दल का आक्रमण

करौली. जिले में टिड्डी दल पर नियंत्रण के लिए कृषि विभाग की ओर से चलाए जा रहे अभियान के तहत, मंगलवार देर रात सपोटरा पंचायत समिति के भरतून ग्राम पंचायत के भडनगपुरा गांव में टिड्डी दल प्रवेश कर गया. टिड्डी दल पेड़ों और झाड़ियों में जाकर बैठ गया. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे कृषि विभाग के अधिकारियों ने दमकल की मदद से दवा का स्प्रे कर क्षेत्र में से 80% से अधिक टिड्डी दल का खात्मा किया. इस दौरान कृषि विभाग के अशोक कुमार मीना, सियाराम मीना सहित कृषि विभाग की टीम मौजूद रही.

करौली में टिड्डी दल का आक्रमण
कृषि विभाग के उपनिदेशक (आत्मा परियोजना) विजय सिंह डागुर ने बताया कि, भडनगपुरा के ग्रामीणों ने सूचना दी कि टिड्डी दल ने गांव में प्रवेश कर लिया है. इस पर विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया, तो टिड्डियों का दल 3 किलोमीटर लंबा और 2 किलोमीटर चौड़े क्षेत्र में फैला हुआ था. अधिकांश पेड़ पर बैठा हुआ था. ग्रामीणों और कृषि विभाग की टीम के सहयोग से दमकल ट्रैक्टर अन्य उपकरणों के माध्यम से टिड्डी दल के ऊपर दवाई का स्प्रे कर उनका खात्मा किया गया. उप निदेशक ने बताया कि टिड्डी दल को खात्मा करने का अभियान देर रात से शुरू किया, जो सुबह तक जारी रहा. तब तक 80% से अधिक टिड्डियों का मौके पर ही खात्मा कर दिया गया. शेष बची टिड्डियों का फिर ऑपरेशन चलाकर खात्मा किया जाएगा. यह जिले का टिड्डियों को खात्मा करने का सबसे बड़ा सफल अभियान रहा है. टिड्डी दल मरने के बाद जमीन पर टिड्डियों की चादर बिछ गई.

इसी के साथ उन्होंने कहा कि जिले में टिड्डी दल के प्रकोप से निबटने के लिए रणनीति बनाकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के तहत दमकल ट्रैक्टर व अन्य उपकरणों के माध्यम से उनके विश्राम स्थल पर दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है. साथ ही दिन में किसानों को ध्वनि यंत्र बजाकर टिड्डियों को भगाने की सलाह दी जा रही है. इसके चलते जिले में टिड्डियों द्वारा फसल और पेड़ों को नुकसान ना के बराबर हुआ है.

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