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कोरोना से जंग में मजूबती से अपनी भूमिका निभा रहे... ये सरकारी योद्धा

करौली में कोरोना से जंग के लिए सरकार के अधिकारी और कर्मचारी कोरोना योद्धा बनकर लोगों की सेवा में 24 घंटे जी-जान से जुटे हुए हैं. ये सरकारी योद्धा चिकित्सा विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी को आम जन तक पहुंचाने और उसका पालन करवाने में कोई कसर नहीं छड़ते. जानते हैं इस खबर में ऐसे ही चार सरकारी कोरोना योद्धाओं के बारे में.

Rajasthan Government employees,राजस्थान सरकारी कर्मचारी
कोरोना से जंग में करौली के ये सरकारी योद्धा

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Published : Jun 1, 2020, 8:48 PM IST

करौली.विश्वव्यापी कोरोना महामारी को जड़ से खत्म करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार कंधे से कंधा मिलाकर संकट के इस दौर में लड़ाई लड़ रही है. इस भीषण कोरोना महामारी से आमजन को बचाने के लिए राज्य सरकार हर तरीके से हर संभव प्रयास कर रही है.

कोरोना से जंग में करौली के ये सरकारी योद्धा

वहीं दूसरी ओर सरकार के अधिकारी और कर्मचारी कोरोना योद्धा बनकर लोगों की सेवा में 24 घंटे जी-जान से जुटे हुए हैं. दिन-रात कड़ी मेहनत और मशक्कत करके लोगों को इस कोरोना महामारी से बचाने के लिए जागरूक किया जा रहा है. साथ ही सरकार और चिकित्सा विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी को आम जन तक पहुंचाना और उसका पालन करवाने की जिम्मेदारी को भी यह कार्मिक बखूबी निभा रहे हैं.

करौली जिला कलेक्टर मोहन यादव

तुम अपने कर्तव्य का निर्वहन करो

कोरोना योद्धा के रूप में 24 घंटे अपनी ड्यूटी दे रहें करौली जिला कलेक्टर डॉक्टर मोहन लाल यादव से जब बात की तो जिला कलेक्टर ने कहा कि मेरे माता-पिता मुझसे कहते हैं कि तुम कोरोना महामारी में अपने कर्तव्य का निर्वहन करो. हमारी चिंता मत करो. जिला कलेक्टर का कहना है कि करौली जिले में कोरोना महामारी से चिंता की कोई बात नहीं है. सब लोग पूरे उत्साह के साथ जिम्मेदारी निभाने में लगे हुए हैं. सब एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं. चाहे जनप्रतिनिधि हो, चाहे समाजसेवी हो, चाहे भामाशाह हो या फिर कर्मचारी या अधिकारी हो, सबका हमें सहयोग मिल रहा है.

कोरोना से बचाव के लिए जब जिला कलेक्टर मोहन लाल यादव से पूछा गया कि आप अपना बचाव कैसे करते हैं, तो इस पर जिला कलेक्टर का कहना था कि मुख्य रूप से मैं इस बात का ध्यान का रखता हूं कि जब भी मुझे आंख और नाक को छूना पड़े तो मैं बार-बार साबुन से हाथ धोता हूं. सुबह-शाम दोनों समय साबुन से अच्छी तरह से नहाता हूं. साथ ही अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए प्राणायाम और योग करता हूं, सादा भोजन करता हूं.

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जिला कलेक्टर ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए हमें सामाजिक दूरी का पालना करना चाहिए. हमें बार-बार अपने हाथों को साबुन से धोना चाहिए और सादा भोजन करना चाहिए. मोहन लाल यादव से यह पूछा गया की ये कोरोना महामारी के संकट के समय ज्यादातर अधिकारी डिप्रेशन में हैं, उसके बावजूद भी आप उत्साहित होकर काम कर रहे हैं तो इस पर कलेक्टर का कहना है कि हमारी पूरी टीम और अधिकारी पूरे जोश के साथ काम कर रहे हैं. चाहे स्टेट लेवल पर हो चाहे डिस्ट्रिक्ट लेवल पर, हमारे सभी विभागों के अधिकारी, कर्मचारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, राशन डीलर और शिक्षक सहित सभी सहयोगी पूरे जोश के साथ काम कर रहे हैं.

24 घंटे व्यवस्थाओं में व्यतीत होता समय

पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार बेनीवाल से जब कोरोना महामारी को लेकर सवाल किया तो पुलिस अधीक्षक का कहना था कि देश में अभी लॉकडाउन चल रहा है. इसको लेकर जिले में सभी जगह नाकेबंदी की गई हैं. पूरा पुलिस प्रशासन सतर्कता के साथ अपना काम कर रहा है. लोगों से सामाजिक दूरी की पालना करवाई जा रही है. लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जो कानून का उल्लंघन करते हैं, पहले उनसे अच्छे से समझाया जाता है. फिर भी अगर कोई नहीं मानता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है. हमारे सभी अधिकारी और पुलिस के जवान अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. परिवार से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हैं.

कोरोना काल में अपने कर्तव्य को बखूबी निभाते चिकित्साकर्मी

हरदम रहते हैं आइसोलेट

जिला चिकित्सालय करौली के मेल नर्स नरेंद्र कुमार और गोपाल शर्मा का कहना था कि, इस भीषण कोरोना महामारी के संकट के समय में लोगों की जान बचाने के लिए पूरी तत्परता से जुटे हुए हैं. इनका कहना है कि लोगों को कोरोना संक्रमित होने से बचाने के लिए अपने घर परिवार को छोड़कर ड्यूटी कर रहे हैं. ड्यूटी के दौरान सामाजिक दूरी बनाकर लोगों का उपचार कर रहे हैं. लोगों को कोरोना महामारी से बचाव के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं. ड्यूटी के बाद घर पर जाने के बाद अलग कमरे में रहते हैं. नरेंद्र 23 मार्च से ही कोरोना पीड़ितों का इलाज कर रहे हैं. इसके अलावा बाहर से आने वाले प्रवासियों की भी जांच पड़ताल कर रहे हैं. इसके साथ ही कोरोना वार्ड में जाकर रोगियों को बेहतर सेवाएं देने का निरंतर प्रयास करते हैं.

कोरोना योद्धा बनकर प्रवासी मजदूरों को घर छोड़ने की जिम्मेदारी

राष्ट्र सेवा करने का एक अच्छा अवसर

इसके बाद जब कोरोना वॉरियर्स रोडवेज परिचालक राजीव शर्मा से बात की गई तो उनका कहना है कि कोराना वारियर्स के रूप में हम अपनी सेवाएं कैलादेवी मेले में दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुझे कैलादेवी मेले में आई रोडवेज बसों को सैनिटाइज करने की जिम्मेदारी दी गई थी. उस जिम्मेदारी को मैंने बखूबी निभाया. उसके बाद हमें प्रवासी मजदूरों को मध्यप्रदेश बॉर्डर तक छोड़ने की जिम्मेदारी दी गई. इसके बाद चित्तौड़गढ, प्रतापगढ़, अजमेर और बांसवाड़ा के प्रवासी मजदूरों को पहुंचाने की जिम्मेदारी भी दी गई. राजीव शर्मा का कहना है कि संकट के इस दौर में अपनी जिम्मेदारी निभाएं क्योंकि राष्ट्र सेवा करने का एक बहुत ही अच्छा अवसर प्राप्त हुआ है.

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