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करौली: पूर्व मंत्री का पुलिस पर अवैध बजरी खनन में शामिल होने का आरोप, कार्रवाई के लिए कलेक्टर और एसपी को लिखा पत्र

पूर्व मंत्री रमेश मीणा ने जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग और एसपी मृदुल कच्छावा को पत्र लिखकर लांगरा थानाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. रमेश मीणा ने लांगरा थानाधिकारी पर अवैध बजरी खनन में शामिल होने का आरोप लगाया है.

ramesh meena, Karauli Police
पूर्व मंत्री का पुलिस पर अवैध बजरी खनन में शामिल होने का आरोप

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Published : Oct 7, 2020, 8:30 PM IST

करौली. पूर्व मंत्री रमेश चंद मीणा ने बुधवार को जिला कलेक्टर और एसपी मृदुल कच्छावा को पत्र लिखकर अवैध बजरी परिवहन कराने ओर पद का दुरुपयोग करने के मामले में लांगरा थानाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. पूर्व मंत्री ने ने बताया कि ग्राम पंचायत श्यामपुर के ग्राम वासियों ने उनको मोबाइल पर शिकायत करके बताया कि मंगलवार की रात को लांगरा थाने के थानाधिकारी ने चदेंलीपुरा गांव से पसलीया को जाने वाली सड़क के सहारे पड़ी हुई बजरी को एक ट्रक में भरवाया.

रमेश मीणा ने बताया कि जब उन्होंने इस संबंध में जानकारी की तो गांव वालों की शिकायत सही निकली. खनन विभाग से पता चला है कि उक्त वाहन के लिए मंगलवार का मैं रंजीत बिल्डकॉन लिमिटेड द्वारा रवंन्ना जारी किया गया है. जिसमें नीलामी बजरी स्टॉक नंबर इमरतापुरा से बजरी भरतपुर के लिए भरना अंकित है. बजरी नीलामी संबधी नियमों के अनुसार सफलतम बोलीदाता बजरी को सीधा ही उपयोगिता स्थल पर परिवहन करने के लिए बाध्य है. अन्य स्थान पर ले जाने के लिए अधिकृत नहीं है. नीलामी की गई बजरी का भंडारण के परिवहन की अनुमति नहीं है.

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स्टॉक पर नियुक्त विभागीय कार्मिकों द्वारा स्टॉक की फोटो, वाहनों की टोल पर्चियां और भरे हुए वाहनों के फोटो तत्काल बिना किसी विलंब के संबंधित कार्यालय में प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है. रमेश मीणा ने पत्र में बताया है कि बजरी का अवैध परिवहन लांगरा के थानाधिकारी द्वारा पद का दुरूपयोग कर मैं रंजीत बिल्डकॉन से दवाबपूर्वक नियम विरुद्ध रवन्ना जारी करवा कर तथा ट्रक चालको पर दबंगई से बजरी भरने के लिए बाध्य करना जानकारी में आया है.

उन्होंने बताया कि इस प्रकार की घटनाओं से आमजन की दृष्टि में पुलिस प्रशासन की छवि खराब होती है.आमजन को पुलिस का अवैध बजरी परिवहन में लिप्त होने का संदेह उत्पन्न हो रहा है. उन्होंने पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर से उक्त घटनाक्रम की जांच करवाकर दोषी थानाधिकारी और कार्मिकों के खिलाफ खनिज अधिनियम में प्राथमिकी दर्ज करवाने तथा थानाधिकारी को तत्काल पद से हटाकर मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.

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