करौली.जिले में पिछले तीन दिनों से मौसम ने अचानक करवट बदली है. जिसके तहत हो रही बारिश से पर्यावरण में ठंडक घुल गई है. वहीं, बारिश और सर्द हवाओं से सर्द बढ़ गई है. जिससे लोगों की दिनचर्या काफी प्रभावित हुई है और अधिकांश लोग घरों में कैद रहे. इसके साथ ही लोग ऊनी कपड़ों और अलाव का सहारा लेकर ठंड से राहत लेते नजर आए. जिले में सुबह से ही ठंड के कारण सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा.
बारिश होने से किसानों के खिले चेहरे आसमान में हल्के कोहरे के साथ धुंध देखी गई. जिससे आवागमन काफी कम और धीमा रहा. इसके अलावा दुकानों, प्रतिष्ठानों और सरकारी कार्यालयों पर ड्यूटी जाने वाले सरकारी कर्मचारियों को भी काफी परेशानियां हुई. वहीं, जिले में अचानक ठंड बढ़ने से जहां एक ओर लोग परेशान दिखे तो वहीं दूसरी ओर किसानों की बांछें खिली नजर आई.
गेहूं, चना, सरसों की फसल के लिए यह बारिश काफी लाभकारी मानी जा रही है..
क्षेत्र के किसानों ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण पहले ही देश बहुत बड़ी मार झेल रहा है और देश में महंगाई का दौर चल रहा है. साथ ही कहा कि फसल की सिंचाई के लिए निजी ट्यूबवेल से भारी खर्चा उठाना पड़ता था, लेकिन यह बारिश किसानों के लिए अमृत के रूप में बरसी है. किसानों का कहना है कि मौजूदा सीजन रबी की फसल का है, जिसमें किसान,गेहूं, चना, सरसों की बुवाई कर चुके हैं. तीनों फसल खेतों में उगकर तैयार खड़ी है.
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जिले के किसान गेहूं, चना, सरसों की फसल में दूसरा पानी देने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन सर्दी में हुई बारिश(मावठ) ने किसानों को बड़ी राहत दी है. किसानों की मानें तो फसलों पर बूंदाबांदी सोना बनकर बरसी है. ऐसे में बारिश से रबी की खेती को नया जीवन मिला है. खासकर गेहूं की फसल के साथ चना और गेहूं को भी बारिश से भारी राहत मिली है.कुल मिलाकर किसानों के लिए इस सीजन की पहली बारिश लाभकारी मानी जा रही है.
दूसरी ओर किसानों का कहना है कि जिले के कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि भी हुई है. जहां पर फसल को नुकसान होने की संभावना है. यदि इसी प्रकार से आगे बारिश होती रही और ओलावृष्टि हुई तो किसानों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है. फिलहाल अब तक की हुई मावठ से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं और जिलेभर में अच्छी मावट होने से किसान भाइयों की बांछें खिल उठी हैं.