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करौली के खेतों में जल्द ही लहलहाएगी रबी की फसल - रबी की फसल

प्रदेश में इस बार मौसम का दंश सभी किसानों को झेलना पड़ा. जरूरत से ज्यादा बारिश ने खरीफ की फसलों को बरबाद करके रख दिया, लेकिन धरतीपुत्रों ने फिर भी हार नहीं मानी. वे एक बार फिर तैयार हो गए है रबी की फसलों को बोने. इसमें प्रशासन भी इनका भरपूर सहयोग कर रहा है.

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Published : Oct 31, 2019, 12:02 AM IST

करौली.किसानों ने रबी सीजन के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. खाद-बीज की खरीदी के साथ ही खेतों को साफ करके बुबाई का दौर चल रह है. कृषि विभाग भी रबी सीजन के लिए तैयार हो गया है. इस साल कृषि विभाग ने जिले मे 1 लाख 67 हजार हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य रखा है. लगातार मौसम की मार और फसलों में लगे रोग से नुकसान झेल रहे किसानों को खरीफ सीजन में भी निराशा हाथ लगी थी. उत्पादान कम होने के कारण खेती घाटे का सौदा बनती जा रही है. कम बारिश और बदलते मौसम के मिजाज को देखते किसानों को खेती में उपलब्ध संसाधनों के हिसाब से खेती करनी होगी और उन्नत बीजों का उपयोग करना होगा.

रबी सीजन की फसलों की तैयारियां हुई शुरू

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कृषि विभाग के उप निदेशक बीडी शर्मा ने बताया की जिले में इस साल 1 लाख 67 हजार हेक्टेयर में रवि फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए कृषि विभाग की ओर से फसल के हिसाब से रकवा तय किया गया है. यह रकवा इस साल खरीफ की फसल से हुई बुवाई से पांच हजार हेक्टेयर अधिक है. अब तक किसानों ने तीन हजार हेक्टेयर से अधिक में सरसों की बुबाई भी कर ली है.

फसल बुवाई लक्ष्य (हेक्टेयर में)
गेंहूं 80 हजार हेस्टेयर
जौ 1000 हेक्टेयर
चना 8000 हेक्टेयर
सरसों 75 हजार हेक्टेयर
तारामीरा 1000 हेक्टेयर
अन्य 2000 हेक्टेयर

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पानी फिर बन सकता है किसानों की समस्या-

कृषि विभाग ने भले ही रवि की फसल के लिए बुबाई का लक्ष्य निर्धारित कर दिया हो लेकिन इस बार जिले में औसत से भी कम हुई बारिश फसल पर भारी पड़ सकती है. जिससे किसानों को पानी की समस्या से सामना करना पड़ सकता है. हालांकि कृषि विभाग ने दावा किया है कि सरसों की फसल के हिसाब से पानी पर्याप्त है. इस बार फसलों के लिए नादौती एरिया में जल संरक्षण की भी व्यवस्था की गई है.

खाद के लिए चलाया गुण नियंत्रण अभियान-

कृषि विभाग के उप निदेशक बीडी शर्मा ने बताया कि खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए कृषि विभाग की ओर से गुण नियंत्रण अभियान चलाया गया है. जिसमें किसानों को उचित दर पर आवश्यकतानुसार खाद और उवर्रक मिले. इसके लिए जिलेभर की विभिन्न दुकानों पर जाकर उवर्रक अधिकारी निरीक्षण कर रहे हैं. अगर कहीं किसानों से अधिक दर लेना पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई भी की जा रही है.

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बीती बारिश के चलते किसानों की पिछली फसल लगभग खराब हो चुकी है. ऐसे में अब किसानों को रबी की फसल से काफी उम्मीदें हैं. अब देखना यह होगा कि धरतीपुत्रों के लिए रखे लक्ष्य तक कृषि विभाग पहुंच पाता है या नहीं. इसके साथ ही सरकार द्वारा चलाए जा रहे गुण नियंत्रण अभियान का कितना लाभ किसानों को हो पाता है. ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

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