करौली.विश्वव्यापी महामारी घोषित हो चुकी कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है. राजस्थान में कोरोना वायरस से पॉजिटिव की संख्या भी 36 हो गई है. ऐसे में इससे बचाव के लिए करौली चिकित्सालय के चिकित्सकों ने ईटीवी भारत के माध्यम से आमजन से घरों में रहने की विनम्र अपील की है.
चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना वायरस एक संक्रमित बीमारी है जो एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलती है. इसका अभी कोई कोई सक्षम उपचार नहीं है. कोरोना वायरस से बचाव उसका उपचार है. ऐसे में आमजन घर में ही रहे घर से बाहर निकलने की अपील की है.
कोरोना को लेकर चिकित्सकों की सलाह जिला अस्पताल के प्रख्यात फिजिशियन डॉ. शैलेंद्र गुप्ता ने बताया कि कोरोना वायरस एक संक्रमित बीमारी है जो कि एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलती है. फिलहाल इसका कोई सक्षम में उपचार नहीं है.
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इसमें सभी को ध्यान रखने की जरूरत है कि लोग आपस मे हाथ न मिलाएं, किसी प्रकार से संपर्क में नहीं आये, भीड़ भाड़ वाले इलाके में नहीं जाए, घर पर ही रहें. बार बार हाथ धोएं, किसी तरह की अगर कोई समस्या हो तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें. बिना चिकित्सक की सलाह के उपचार नहीं लें. जिला प्रशासन की ओर से जगह जगह इसका व्यापक प्रसार किया जा रहा है.
डॉ. देवकीनंदन शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी है. इससे बचाव के लिए सम्पूर्ण देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 दिन का 14 अप्रैल तक लॉक डाउन किया है. कोरोना वायरस से बचाव का एक मात्र उपाय है कि हमें परिवार के साथ घर मे रहना है. घर से बाहर निकलने पर किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से ये बीमारी भयावह रूप ले सकती है. इसलिए सभी को सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए अपने घर मे रहना है.
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फिजिशियन डॉ. ऋषि राज शर्मा का कहना है कि कोरोना वायरस के संदिग्ध लोगों जो विदेश और अन्य राज्यों से जिले में आये हैं जिन्हें उपचार के लिए होम कोरांटीन किया जा रहा है.सबसे बड़ी राहत की बात ये है कि अभी तक जिले में कोरोना का कोई पॉजिटिव नहीं मिला है. चिकित्सा विभाग संदिग्ध लोगों की पहचान कर उनकी स्क्रीनिंग की जा रही है.
चिकित्सालय में दिखा माक्स सैनिटाइजर का अभाव
अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना संक्रमितों का उपचार करने वाले चिकित्सा कर्मियों के पास ही मास्क सैनिटरी का अभाव का जिला चिकित्सालय में देखा गया. जहां ज्यादातर चिकित्सक कोरोना वायरस के बीपीई कीट, मास्क के अभाव में मरीजों को देखते हुए नजर आए.
वहीं दवाई वितरण करने वाले कार्मिक सहित अन्य लोग मुंह पर रुमाल लगाये हुऐ नजर आएं. ऐसे में सोचने वाली बात यह होगी कि अगर कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति उनके टच में आ जाए तो कितना बड़ा खतरा हो सकता है.
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ऐसे में जिला प्रशासन सहित चिकित्सा विभाग लापरवाह बना हुआ नजर आया. चिकित्सका कर्मचारियों के लिए मास्क और सेनेटरी जैसी व्यवस्था भी यहां पर उपलब्ध नहीं दिखाई थी. ऐसे में कई चिकित्सा कर्मियों ने रोष भी जाहिर किया.