करौली. हाल ही में नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट में राजस्थान को लेकर जो आंकड़े जारी किए गए थे, वह काफी डराने वाले हैं. एक के बाद एक दुष्कर्म और हत्या के मामले उजागर हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन हाथ पर हाथ रखकर बैठा है.
बुधवार को एक मंदिर के पुजारी को दबंगों ने जिंदा जलाकर मार दिया है. जिसके बाद राजस्थान की राजनीति एक बार फिर से गरमा गई है. पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है और प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
यह मामला 7 अक्टूबर बुधवार का है, जब दबंगों ने पुजारी को जिंदा जलाया था. पुजारी दो दिन तक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ता रहा और आखिरकार शुक्रवार को उसकी हिम्मत जवाब दे गई और उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
जानकारी के अनुसार करौली जिले के सपोटरा के बुकना गांव में स्थित राधा गोपाल मंदिर है, इसी मंदिर में पुजारी बाबूलाल वैष्णव पूजा-पाठ किया करते थे. जिस जमीन पर मंदिर बना हुआ था उसी के एक हिस्से में पुजारी घर बनवाना चाहते थे. इसी दिशा में वे जमीन समतल करवा रहे थे और जल्द ही मकान का काम शुरू करने वाले थे. ये बात गांव के कुछ दबंगों चुभ गई. कुछ दिन पूर्व 20-25 लोग पुजारी को धमकाने आए थे और उन्हें धमकी दी थी कि अगर मकान बनवाया तो अच्छा नहीं होगा.
दबंगों ने पंचायत की भी नहीं सुनी...
इसके बाद पुजारी बाबूलाल वैष्णव इस मामले को पंचायत में ले गए. पंचायत ने पुजारी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए दबंगों को पाबंद किया कि वे पुजारी को परेशान ना करें. पंचायत में हुई फजीहत के बाद दबंगों ने पुजारी से बदला लेने का मन बना लिया. इसके बाद 7 अक्टूबर को दबंगों ने पुजारी पर पेट्रोल छिड़ककर उन्हें जिंदा जला दिया.
परिजन बैठे धरने पर...
बीते दो दिनों से पुजारी बाबूलाल वैष्णव राजधानी के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. पुजारी की मौत से गुस्साए परिजन अस्पताल के बाहर ही धरने पर बैठ गए. कई सामाजित संगठन भी इस दौरान वहां पहुंच गए. सरकार द्वारा आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ.
पीड़ित परिवार की मांग है कि पहले उनको पुलिस सुरक्षा दी जाए. जिससे वो डेथ बॉडी को लेकर गांव जा सकें. साथ ही निर्धन पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार में एक सदस्य को नौकरी देने की भी मांग रखी है. इसके अलावा पूरे प्रकरण में एसएचओ सपोटरा की भूमिका भी संदिग्ध है, जिनको भी सस्पेंड किया जाए. हालांकि, बाद में पुलिस के आलाधिकारियों की समझाइश के बाद परिजनों ने धरना समाप्त कर दिया.
ईटीवी भारत ने की पुजारी के परिवार से बातचीत
ईटीवी भारत की टीम ने पीड़ित पुजारी बाबू वैष्णव के घर सबसे पहले पहुंचकर घटना की वास्तविक स्थिति जानी तो पुजारी बाबू वैष्णव के बेटे देशराज वैष्णव ने बताया कि जमीन पर गांव के दबंग कैलाश मीणा और उसका परिवार जबरन कब्जा करना चाहता था. वे कब्जे की जमीन पर अपना छप्पर पोश घर बना रहे थे. इसका पुजारी ने विरोध किया तो उन्होंने मोटरसाइकिल से पेट्रोल निकालकर छिड़क दिया.
मृतक बाबू पुजारी की पत्नी विमला देवी ने बताया कि गांव के दबंगों ने उसके पति की जिंदा जलाकर हत्या कर दी. उन्होंने बताया कि दबंगों ने धमकी दी है कि आज तो एक को जलाया है, अभी तो सभी को जलाना है. ईटीवी भारत की टीम ने जब परिवार के अन्य लोगों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि हम सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार के लिए न्याय और सुरक्षा की मांग की है.
प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार के लिए ये मसला बड़ी चुनौती बनने वाला है. इस घटना के सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल सा आ गया है. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी सरकार पर चारों ओर से दबाव बना रही है. शुरुआत में इस मामले ढिलाई बरतने वाली पुलिस ने आनन-फानन में एक व्यक्ति को गिरफ्तार अपनी पीठ थपथपा ली. लेकिन यहां बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या सभ्य समाज में इस तरह की घटनाएओं के लिए कोई स्थान है? कैसे अपराधियों का हौसला इतना बुलंद हो जाता है कि वे खुद को सिस्टम से ऊपर समझने लग जाते हैं.