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करौलीः कोरोना वायरस के प्रति चिकित्सा विभाग सतर्क, जागरूकता के लिए कार्यशाला का आयोजन - Karauli corona virus awareness

करौली में कोरोना वायरस को लेकर चिकित्सा विभाग काफी सतर्क हो गया है. वायरस के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें कोरोना वायरस से बचाव, लक्षण और उपचार के बारे जानकारी दी गई.

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कोरोना वायरस के प्रति चिकित्सा विभाग सतर्क

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Published : Mar 13, 2020, 10:45 AM IST

करौली. कोरोना वायरस को लेकर चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर है. कोरोना वायरस के प्रति आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से शहर में वायरस से बचाव और जागरूकता के लिए चिकित्सा टीम की ओर से जन सम्पर्क किया जा रही है. वहीं, महिला एएनएम ट्रेनिंग सेंटर में चिकित्सा कर्मियों की प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें कोरोना वायरस से बचाव, लक्षण और उपचार के बारे मे विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी गई.

कोरोना वायरस के प्रति चिकित्सा विभाग सतर्क

सीएमएचओ डाॅ. दिनेशचंद मीना ने कहा कि सबको सर्तक रहना है और हर संभव प्रयास करके आमजन को कोरोना से बचाव की सावधानियों को बताना है. उपचार से ज्यादा बचाव की ओर ध्यान देना है. आमजन को कोरोना से भयभीत न होने से रोकने में अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी है. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सक की नोवल कोरोना जागरूकता में अहम जिम्मेदारी है और इसे पूर्ण ईमानदारी से निभाकर जिले को कोरोना मुक्त रखने में सहयोग करें.

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विशेषज्ञों ने नोवल कोरोना वायरस की उत्पत्ति, पहचान, लक्षण व बचाव स्थितियों का विस्तार से प्रशिक्षण प्रदान किया. उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि कोरोना के वायरस का संक्रमण स्वच्छता रखकर रोका जा सकता है. जिसमें हाथों की सफाई एवं हाथों को चेहरे को न छुना शामिल है. संक्रमण का खतरा विदेश से आने वाले एवं संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बढ़ जाता है. खांसी, जुकाम, बुखार के सामान्य मरीज को कोरोना वायरस नहीं हो सकता.

उन्होंने बताया कि शोध के अनुसार 60 वर्ष से अधिक, उच्च रक्तचाप एवं कैंसर रोगी सहित कम प्रतिरोधक क्षमता वालों को इसके संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है तथा इसका घातक होने का कारण इसकी संक्रमण दर की अधिकता है. उन्होंने बताया कि इसके लक्षण स्वाईन फ्लू जैसे ही दिखते हैं, लेकिन इसमें नाक का बहना कम होता है और यह सिर्फ कोरोना वायरस ग्रसित के संपर्क में आने से ही होता है.

उन्होंने बताया कि इसकी पुष्टि के लिए गले के स्वाब का सैंपल लिया जाता है. जिसकी जांच हेतु एसएमएस जयपुर सहित जोधपुर में जांच केन्द्र स्थापित किया है, जहां पीसीआर विधि से जांच की जाती है. हाल ही में हुए शोधानुसार 35 डिग्री तापमान से अधिक में कोरोना वायरस नष्ट होने लगता है, लेकिन चिकित्सक को अस्पताल भ्रमण एवं मरीज देखने दौरान मास्क का उपयोग आवश्यक है. इस दौरान जिले के चिकित्सा अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे.

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