करौली. अखिल राजस्थान मुख्यमंत्री निशुल्क दवा और जांच योजना के तहत कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर पांच सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठ गए. धरने पर बैठने से पहले ऑपरेटरों ने कलेक्टर डॉ. मोहन लाल यादव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और समस्या समाधान की मांग की.
कंप्यूटर ऑपरेटर संघ ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन कंप्यूटर ऑपरेटर महासंघ के जिलाध्यक्ष पुष्पेंद्र गुर्जर ने बताया कि प्रदेश में 8 साल से कार्यरत करीब 4000 से अधिक कंप्यूटर ऑपरेटर हैं, जिनके द्वारा पांच सूत्रीय मांग की जा रही है. लेकिन, बजट में मांगों की अनदेखी की गई है. कंप्यूटर ऑपरेटरों की प्रमुख मांग है कि 29 फरवरी को उनको हटाने का प्रस्ताव पारित किया गया है और वित्त विभाग द्वारा वित्तीय स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है, जब तक ऑपरेटरों को नियमित नहीं किया जाता उसे निरंतर रखा जाये.
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जितने भी एनजीओ से लगे हुए हैं, उनको आरएमआरएस से लगाया जाए. आपरेटरों को 8500 रुपये वेतन मिलती है. जो आज के समय मे ना के बराबर है. इसलिए केन्द्र सरकार के बराबर वेतनमान 18 हजार की जाये.
जितने भी कम्प्यूटर आपरेटर है वो मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के अन्तर्गत लगे हुए हैं. उनसे वही कार्य कराया जाये. साथ ही कम्प्यूटर आपरेटर को बिना जांच पडताल के हटा दिया जाता हैं. उसके लिए समय अवधि का नोटिस देकर हटाया जाये. साथ ही जांच पडताल भी गठित की जाये.
जिलाध्यक्ष ने बताया कि बेरोजगार हो रहे कंप्यूटर ऑपरेटर में रोष व्यापत है. मांगों को लेकर जयपुर में भी धरना दिया गया. प्रदेश में कार्य बहिष्कार भी किया अब कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया जा रहा है.