करौली.जिले का प्रमुख पांचना बांध से नहरों में पानी खोलने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को पांचना बांध से नहरों में पानी रोकने के बाद शुक्रवार को आक्रोशित पड़ोसी गांवों के किसानों ने गुड़ला गांव में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में महापंचायत का आयोजन रखा.
इस महापंचायत में किसानों ने कर्नल बैंसला के सामने अधूरी पड़ी गुड़ला पांचना लिफ्ट परियोजना के काम को पूरा करवाकर किसानों के खेत में पानी पहुंचाने, चंबल का पानी पांचना बांध में पहुंचाने, नहरों के लिए पानी नहीं खोलने और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग रखी. इस पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो सरकार किसानों की मांगों को मानते हुए शीघ्र चंबल का पानी पांचना बांध में पहुंचाए और जमुना का पानी गंभीर नदी में पहुंचाए, नहीं तो कोरोना संक्रमण का प्रकोप खत्म होते ही सर्व समाज के नेतृत्व में पांचना बांध पर आंदोलन किया जाएगा.
आंदोलन की दी चेतावनी
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने बताया कि पांचना बांध से नहरों के लिए पानी खोल दिया गया है, जिसको किसानों के आक्रोश के बाद बंद भी कर दिया गया इसलिए मैं अपने परिवार से मिलने आया हूं. बैंसला ने कहा कि पांचना बांध से किसी भी नहर के लिए पानी नहीं खोला जाएगा, यह महापंचायत में फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि यदि किसानों को चंबल का पानी नहीं मिला तो यह क्षेत्र आंदोलन करेगा.
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वहीं, कर्नल बैंसला ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सर्व समाज के नेतृत्व में शीघ्र ही महापंचायत होगी. जिसमें बयाना, भरतपुर और करौली के लोग शामिल होंगे.
यह है पूरा मामला
जिले के प्रमुख पांचना बांध से नहरों में पानी छोड़े जाना बांध के पड़ोसी गांवों के किसानों के विवाद के कारण बीते 14 वर्ष से बंद है. पांचना बांध की नहरों के जरिए ही पानी नादौती, गंगापुरसिटी, बामनवास, महावीरजी इलाकों के करीब 12 से ज्यादा गांवों में पहुंचता है. बांध के पानी से केवल एक बार सिंचाई के लिए इन इलाकों में पानी पहुंचा था, इसके बाद बांध के पड़ोसी गांवों के किसानों ने नहरों से पानी छोड़ने का विरोध शुरू कर दिया.