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करौलीः पांचना बांध से नहरों में पानी खोलने का मामला, कर्नल बैंसला ने आंदोलन की दी चेतावनी - Mahapanchayat in Karauli

करौली जिले के प्रमुख पांचना बांध से नहरों में पानी खोलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. गुड़ला गांव में शुक्रवार को आयोजित हुई महापंचायत में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि चंबल का पानी पांचना बांध में लाया जाए और जमुना का पानी गंभीर नदी में लाया जाए, नहीं तो सर्व समाज के साथ फिर से आंदोलन किया जाएगा.

Mahapanchayat in Karauli,  water in canals from Panchna dam
कर्नल बैंसला ने आंदोलन करने की फिर भरी हुंकार

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Published : Jun 12, 2020, 11:07 PM IST

करौली.जिले का प्रमुख पांचना बांध से नहरों में पानी खोलने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को पांचना बांध से नहरों में पानी रोकने के बाद शुक्रवार को आक्रोशित पड़ोसी गांवों के किसानों ने गुड़ला गांव में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में महापंचायत का आयोजन रखा.

पांचना बांध से नहरों में पानी खोलने का मामला

इस महापंचायत में किसानों ने कर्नल बैंसला के सामने अधूरी पड़ी गुड़ला पांचना लिफ्ट परियोजना के काम को पूरा करवाकर किसानों के खेत में पानी पहुंचाने, चंबल का पानी पांचना बांध में पहुंचाने, नहरों के लिए पानी नहीं खोलने और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग रखी. इस पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो सरकार किसानों की मांगों को मानते हुए शीघ्र चंबल का पानी पांचना बांध में पहुंचाए और जमुना का पानी गंभीर नदी में पहुंचाए, नहीं तो कोरोना संक्रमण का प्रकोप खत्म होते ही सर्व समाज के नेतृत्व में पांचना बांध पर आंदोलन किया जाएगा.

कर्नल बैंसला ने आंदोलन करने की फिर भरी हुंकार

आंदोलन की दी चेतावनी

कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने बताया कि पांचना बांध से नहरों के लिए पानी खोल दिया गया है, जिसको किसानों के आक्रोश के बाद बंद भी कर दिया गया इसलिए मैं अपने परिवार से मिलने आया हूं. बैंसला ने कहा कि पांचना बांध से किसी भी नहर के लिए पानी नहीं खोला जाएगा, यह महापंचायत में फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि यदि किसानों को चंबल का पानी नहीं मिला तो यह क्षेत्र आंदोलन करेगा.

पढ़ें-करौलीः पांचना बांध से नहरों के लिए पानी खोलने के विरोध में किसानों ने जताया विरोध

वहीं, कर्नल बैंसला ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सर्व समाज के नेतृत्व में शीघ्र ही महापंचायत होगी. जिसमें बयाना, भरतपुर और करौली के लोग शामिल होंगे.

यह है पूरा मामला

जिले के प्रमुख पांचना बांध से नहरों में पानी छोड़े जाना बांध के पड़ोसी गांवों के किसानों के विवाद के कारण बीते 14 वर्ष से बंद है. पांचना बांध की नहरों के जरिए ही पानी नादौती, गंगापुरसिटी, बामनवास, महावीरजी इलाकों के करीब 12 से ज्यादा गांवों में पहुंचता है. बांध के पानी से केवल एक बार सिंचाई के लिए इन इलाकों में पानी पहुंचा था, इसके बाद बांध के पड़ोसी गांवों के किसानों ने नहरों से पानी छोड़ने का विरोध शुरू कर दिया.

गुड़ला गांव में महापंचायत

किसानों का कहना है कि पहले कमांड एरिया के किसानों को पानी मिले, उसके बाद में किसी को मिले. इस विवाद के निस्तारण के लिए गुड़ला लिफ्ट सिंचाई परियोजना भी स्वीकृत की गई जो अभी अधूरी है. इस कारण बांध का पानी पड़ोसी गांवों के किसानों को नहीं मिला है. साथ ही कमांड एरिया के गावों को अभी तक पानी मिला है.

कुछ दिनों पहले हुई अधिकारियों की बैठक

बीते कुछ दिनों पहले सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सिटी में करौली, सवाई माधोपुर के विधायकों, कलक्टरों और सिंचाई विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई थी. जिसके बाद यकायक बुधवार शाम को पांचना बांध से नहरों के लिए पानी छोड़ दिया गया. गुरुवार को जैसे ही पड़ोसी गांवों के किसानों को पानी छोड़ने का मालूम चला तो विरोध शुरू हो गया. उन्होंने नहरों के पानी की दिशा को बदलकर गंभीर नदी की ओर मोड़ दिया, जिसके बाद प्रशासन ने पानी को बंद कर दिया.

यह कहना है जिला प्रशासन का

जिला कलेक्टर डॉक्टर मोहन लाल यादव ने बताया कि चंबल सवाई माधोपुर नादौती परियोजना की गति को बढ़ाने के लिए सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सिटी में 23 मई को करौली और सवाई माधोपुर में पेयजल समस्या के समाधान के लिए बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें पांचना बांध से नहरों में पानी छोड़े जाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई.

पढ़ें-करौली के इस क्षेत्र में 35 गांवों में गहराया पेयजल संकट, खारा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

कलेक्टर का कहना है कि इस संबंध में जिला कलेक्टर सवाई माधोपुर की ओर से प्रमुख शासन सचिव को भेजे गए पत्र में भी उल्लेख नहीं किया गया है. उनका कहना है कि जैसे ही पांचना बांध से नहरों में पानी खोलने की जानकारी मिली की पानी खोलने से स्थानीय ग्रामीण और आमजन में असंतोष हो गया है, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ने का अंदेशा हो गया है.

जिला कलेक्टर ने बताया कि इस संबंध में तुरंत कार्रवाई करते हुए सिंचाई विभाग के अधिकारियों को बांध से नहरों में पानी छोड़ने को रोक दिया गया. उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों की ओर से पानी छोड़ने से पूर्व जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को भी अवगत नहीं कराया, जिसके कारण लोगों में इसको लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हुई है.

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