हिंडौन सिटी (करौली).केंद्र और राज्य सरकार की जनहितकारी योजनाओं में उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से आमजन से लूटखसोट का करौली जिले में खुला खेल चल रहा है. ऐसा ही एक बड़े मामले का भंडाफोड़ हुआ है. भामाशाह कार्डधारी से एक निजी हॉस्पिटल संचालक ने अवैध रूप से 17 हजार रुपये वसूल लिए. साथ ही पीड़ित के शिकायत करने पर भी कानूनी कार्रवाई नहीं की गई.
अवैध वसूली को लेकर पीड़ित ने आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए राजस्थान संपर्क पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद दो वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों ने जांच में शिकायत को सही पाया. वहीं, चिकित्सा अधिकारियों ने दोषी हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं की. साथ ही उन्होंने भामाशाह योजना से संबंधित मान्यता तत्काल समाप्त करने के बजाय हॉस्पिटल संचालक को मात्र यह आदेश दे दिए कि पीड़ित को 17 हजार रुपए वापस कर दिए जाए. फिलहाल, इस आदेश को मिलीभगत मानते हुए पीड़ित ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप दोषी के खिलाफ कठोर कानूनी व विभागीय कार्रवाई की मांग की है.
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बता दें कि चिनायटा निवासी रविंद्र पुत्र देशराज ने राजस्थान संपर्क पोर्टल पर शिकायत की थी कि उसकी पत्नी रेणु का प्रसव 4 अप्रैल 2020 को हिंडौन के एक निजी हॉस्पिटल में हुआ था. उस दौरान हॉस्पिटल संचालक से भामाशाह योजना का लाभ दिए जाने का निवेदन किया तो हॉस्पिटल संचालक और अन्य कार्मिकों ने यह कहकर उसे मना कर दिया कि हॉस्पिटल में भामाशाह योजना स्वीकृत नहीं है.
शिकायत में भामाशाह योजना का कार्ड, आधार कार्ड और बिल भी प्रेषित...
रविन्द्र ने बताया कि उसने हॉस्पिटल संचालक को भामाशाह योजना का कार्ड भी दिया, लेकिन उसे संचालक ने स्वीकार नहीं किया. शिकायत में बताया गया कि 4 अप्रैल को उसकी पत्नी को प्रसव होने के बाद 7 अप्रैल को छुट्टी दे दी गई और उससे 17 हजार रुपये लिए गए. इस संबंध में राजस्थान संपर्क पोर्टल पर की गई शिकायत में भामाशाह योजना का कार्ड, आधार कार्ड और वसूल किए गए 17 हजार रुपए का बिल भी प्रेषित किया गया है. राजस्थान संपर्क पोर्टल पर शिकायत किए जाने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर करौली के उपमुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी और ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जांच की.