करौली.यदि इच्छा शक्ति मजबूत हो तो कोई भी व्यक्ति हर समस्या का समाधान खोज सकता है. ऐसा ही एक उदाहरण देखने को मिला करौली की ग्राम पंचायत हाड़ौती के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का.
दरअसल, राज्य सरकार की कायाकल्प करने की योजना के तहत चिकित्सा प्रभारी ने स्टाफ और भामाशाहों के सहयोग से लाखों रुपए खर्च कर अस्पताल में ना केवल अत्याधुनिक सुविधाएं जुटाई. बल्कि आम लोगों के लिए भी परिसर में गार्डन की व्यवस्था कर डाली. आज स्थिति ये है कि पीड़ित मरीजों के परिजन प्राइवेट अस्पताल में ना जाने के बजाय मरीजों को इस सरकारी अस्पताल में इलाज कराने में रुचि दिखा रहे हैं.
चिकित्सा प्रभारी का कहना है कि सभी प्रयास स्टाफ भामाशाहों के सहयोग से ही सफल हुए हैं. यदि ऐसे ही प्रयास सभी सरकारी अस्पतालों में हो तो कोई भी परिजन मरीजों को मोटी फीस देकर प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए नहीं भटके. बता दें, कि 27 जून, 2017 के चिकित्सा प्रभारी डॉ. केशव मीना ने इस सीएचसी अस्पताल का कार्यग्रहण किया तब अस्पताल की हालत काफी बदतर थी. अस्पताल जर्जर हालात में था. मरीज के परिजन या तो जिला मुख्यालय पर आने को बेबस हुआ करते या 40 किलोमीटर दूर सपोटरा के सामुदायिक केन्द्र में जाते थे, लेकिन तब से अब तक अस्पताल की काया ही पलट गई है.
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अस्पताल में लगाई गई एनालाइजर मशीन
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हाड़ौती चिकित्सालय में गंभीर बीमारियों की जांच के लिए पहली बार ऐसी मशीन लगाई गई है, जो गंभीर बीमारियों के संबंध में पता लगा सकेगी. अस्पताल में हाइटेक लैब लगाई गई है. बताया जा रहा है कि इस सेमी ऑटो एनालाइजर मशीन से कई प्रकार की बीमारियों की जांच होगी. अस्पताल में ऐसे कई मरीज पहुंचते हैं जो गंभीर रोगों से जूझ रहे होते हैं, लेकिन उनकी बीमारी की जांच अस्पताल में नहीं हो पाती थी. जिस कारण उन्हें क्षेत्र से बाहर के निजी अस्पतालों में महंगे दरों पर जांच करवानी पड़ती थी.