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SPECIAL: भामाशाहों के सहयोग से बदल गई इस अस्पताल की सूरत - Karauli CHC News

जहां आज के समय में लोग सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा और व्यवस्था से असंतुष्ट होकर प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज कराने का रास्ता अपनाते हैं. वहीं राजस्थान के करौली जिले के एक छोटे से गांव के सरकारी अस्पताल में लोग इलाज कराने में रुचि दिखा रहे हैं. ईटीवी भारत की स्पेशल ग्राउंड रिपोर्ट में देखिए इस अस्पताल की तस्वीर.

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भामाशाहों के सहयोग से बदली गई अस्पताल की सूरत

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Published : Jun 1, 2020, 9:51 PM IST

करौली.यदि इच्छा शक्ति मजबूत हो तो कोई भी व्यक्ति हर समस्या का समाधान खोज सकता है. ऐसा ही एक उदाहरण देखने को मिला करौली की ग्राम पंचायत हाड़ौती के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का.

भामाशाहों के सहयोग से बदली गई अस्पताल की सूरत

दरअसल, राज्य सरकार की कायाकल्प करने की योजना के तहत चिकित्सा प्रभारी ने स्टाफ और भामाशाहों के सहयोग से लाखों रुपए खर्च कर अस्पताल में ना केवल अत्याधुनिक सुविधाएं जुटाई. बल्कि आम लोगों के लिए भी परिसर में गार्डन की व्यवस्था कर डाली. आज स्थिति ये है कि पीड़ित मरीजों के परिजन प्राइवेट अस्पताल में ना जाने के बजाय मरीजों को इस सरकारी अस्पताल में इलाज कराने में रुचि दिखा रहे हैं.

चिकित्सा प्रभारी का कहना है कि सभी प्रयास स्टाफ भामाशाहों के सहयोग से ही सफल हुए हैं. यदि ऐसे ही प्रयास सभी सरकारी अस्पतालों में हो तो कोई भी परिजन मरीजों को मोटी फीस देकर प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए नहीं भटके. बता दें, कि 27 जून, 2017 के चिकित्सा प्रभारी डॉ. केशव मीना ने इस सीएचसी अस्पताल का कार्यग्रहण किया तब अस्पताल की हालत काफी बदतर थी. अस्पताल जर्जर हालात में था. मरीज के परिजन या तो जिला मुख्यालय पर आने को बेबस हुआ करते या 40 किलोमीटर दूर सपोटरा के सामुदायिक केन्द्र में जाते थे, लेकिन तब से अब तक अस्पताल की काया ही पलट गई है.

बदली गई अस्पताल की सूरत

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अस्पताल में लगाई गई एनालाइजर मशीन

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हाड़ौती चिकित्सालय में गंभीर बीमारियों की जांच के लिए पहली बार ऐसी मशीन लगाई गई है, जो गंभीर बीमारियों के संबंध में पता लगा सकेगी. अस्पताल में हाइटेक लैब लगाई गई है. बताया जा रहा है कि इस सेमी ऑटो एनालाइजर मशीन से कई प्रकार की बीमारियों की जांच होगी. अस्पताल में ऐसे कई मरीज पहुंचते हैं जो गंभीर रोगों से जूझ रहे होते हैं, लेकिन उनकी बीमारी की जांच अस्पताल में नहीं हो पाती थी. जिस कारण उन्हें क्षेत्र से बाहर के निजी अस्पतालों में महंगे दरों पर जांच करवानी पड़ती थी.

भामाशाहों और स्टाफ के सहयोग से चिकित्सालय में अब किडनी की जांच, पीलिया की जांच, लिपिड प्रोफाइल, कैल्शियम, सोडियम, क्लोरीन और पोटेशियम जैसी बायोकेमिस्ट्री की जांच के लिए 1 लाख 35 हजार रुपए की लागत से सेमी ऑटो एनालाइजर मशीन लगाई गई है.

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गर्मी आते ही उद्यान में उमड़ी रहती है लोगों की भीड़

चिकित्सा प्रभारी केशव मीना ने गांव के माहौल और मरीजों के परिजनों की स्थिति को देखते हुए अस्पताल में खाली जमीन पर भामाशाह के सहयोग से गार्डन का निर्माण भी कराया है. जिसमें एक पानी का फव्वारा भी लगाया गया है. जो अपने आप में एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. गर्मी के आगमन के साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हाड़ौती के उद्यान में शाम होते ही आम लोगों की भीड़ जुटने लग जाती है, बच्चे, युवा, महिलाएं या बुजुर्ग. सभी आयु वर्ग के लोग इस उद्यान में पहुंचकर खुशनुमा समय बिता रहे हैं.

जिले में आ चुका है टॉप पर

अस्पताल की जर्जर हालत की सूरत को देखकर जिले की कई बड़ी हस्तियां भी प्रशंसा कर चुकी है. वहीं चिकित्सा विभाग के आला अधिकारी भी अन्य जगह इस अस्पताल का उदाहरण पेश करते हुए नजर आते हैं. इस अस्पताल को जिला कलेक्टर द्वारा वर्ष 2019 में जिला स्तर पर सम्मानित भी किया जा चुका है.

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