करौली. जिले में जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग के निर्देश पर महिला और बाल विभाग की ओर से संचालित आंगनबाड़ी केंदेरों पर पूरक पोषाहार सामग्री वितरण के भौतिक सत्यापन का अभियान चलाया गया. इस कार्य के लिए 41 टीमों का गठन किया गया. वहीं टीमों ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया तो भारी अनिमियता और गड़बड़ी सामने आई है.
महिला एंव बाल विकास के उपनिदेशक प्रभातीलाल जाट ने बताया कि हिण्डौन परियोजना के आंगनबाडी केंद्र कारवाड मीणा और मीणा दांत का पुरा का औचक निरीक्षण किया तो अनिमियता सामने आई. उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान अनियमितता पाए जाने पर संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को कारण बताओं नोटिस जारी कर मानदेय सेवा से पृथक करने और महिला पर्यवेक्षक कैलाशी मीणा के विरूद्ध निलंबन की कार्रवाई प्रस्तावित की गई है.
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उपनिदेशक ने बताया कि हिंडौन परियोजना के परिक्षेत्र कोटरी के आंगनबाड़ी केंद्र कारवाड़ मीणा केंद्र पर ताला बंद पाया गया. आशा सहयोगनी पास में मिली और आंगनबाडी कार्यकर्ता उर्मिला मीना मौके पर मिली. दूरभाष पर आंगनबाडी कार्यकर्ता से संपर्क करने पर बताया कि केंद्र की चाबी उसके पास है और वह गांव से बाहर है. ग्राम वासियों और पंजीकृत लाभार्थियों के बयान और पूछताछ की गई. जिसमें ग्रामवासियो ने बताया कि केंद्र नियमित नहीं खुलता है और पोषाहार वितरण नहीं होता है.
लाभार्थियों से पूछताछ में बताया कि एक-एक किलो दाल का वितरण माह अप्रैल 2020 से दिसंबर 2020 तक एक दो बार ही किया गया और केंद्र पर कोई भी सूचना नोटिस बोर्ड पर चस्पा नहीं पाई गई. उन्होंने बताया कि बाल विकास परियोजना अधिकारी हिण्डौन एवं महिला पर्यवेक्षक को मौके पर बुलाकर और ग्रामवासियों की उपस्थिति में केंद्र के ताले पर सील चस्पा की गई.
आंगनबाडी कार्यकर्ता को केंद्र पर बुलाकर ताला खुलवाया गया और पोषाहार रिकॉर्ड की जांच की गई. जिसमें पोषाहार सामग्री स्टॉक रजिस्टर में दाल 10 किलो, गेहुं 127 किलो, चावल 26 किलो शेष दर्शाया गया, जबकि भौतिक सत्यापन पर मौके पर दाल 275 किलो, गेहुं 75 किलो और चावल 25 किलो मात्रा में पाया गया. फर्जी तरीके से रिकॉर्ड संधारण करना पाया गया.