जोधपुर. कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की मियाद 14 अप्रैल को खत्म होनी थी, इसके चलते पश्चिमी राजस्थान में काम कर रहे मध्य प्रदेश के सैकड़ों की संख्या में मजदूर आश्रय स्थल पर रुके रहे. लॉकडाउन आगे बढ़ने की घोषणा के साथ ही इनका धैर्य भी जवाब दे गया. सबको अपने घर जाने की फिक्र होने लगी और करीब 1000 किमी की यात्रा पैदल करने का निश्चय कर चल पड़े. करीब 300 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने के बाद मजदूर जोधपुर जिले के ओसियां क्षेत्र में अलग अलग जत्थों में पहुंच रहे हैं. ये मजदूर जैसलमेर से घर लौट रहे हैं.
इनकी मंजिल भोपाल है और भोपाल यहां से करीब 762 किलोमीटर दूर. यह मजदूर कच्चे मार्गो से होते हुए आगे बढ़ रहे हैं सड़क पर कम ही नजर आते है क्योंकि डर है कहीं उन्हें पुलिस रोक ना ले. खेतों और जंगलों से होते हुए ये मजदूर आगे बढ़ रहे हैं. जिले के ओसियां इलाके में इन मजदूरों का एक समूह जैसलमेर रोड पर सड़क किनारे पेड़ के नीचे आराम करता नजर आया.
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मजदूरों का कहना है कि उन्हें भोपाल जाना है और इसके लिए अभी 10 दिन और पैदल चलेंगे. इस समूह में कुल 25 लोग हैं, जिनमें बुजुर्ग बच्चे भी शामिल हैं. कुछ खाने की सामग्री साथ में लेकर चल रहे हैं. जहां व्यवस्था बनती है वहीं ठहरते है और अपना पेट भरते हैं. 70 साल की उम्र पार कर चुके राम सिंह कहते हैं कि, चलना तो पड़ेगा भले चाहे कितनी कठिनाई हो अब हम घर जा कर ही रुकेंगे. महिलाओं का कहना था कि हमारे बच्चे और परिवार के लोग मध्य प्रदेश में ही है ऐसे में हमें घर जाना जरूरी है. मजदूरों का कहना है कि सरकार हमारे घर पहुंचने का इंतजाम करना चाहिए था.