जोधपुर.प्राइवेट चिकित्सकों व निजी अस्पतालों के संचालकों के विरोध के बावजूद भले ही विधानसभा में Right to Health Bill पास हो गया हो, लेकिन इस बिल के पास होने के बाद भी इसका विरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. साथ ही दिन-ब-दिन आंदोलन और तेज होने लगा है. वहीं, दावा किया जा रहा है कि अब प्रदेश के सभी निजी अस्पताल आगे भी इसी तरह से बंद रहेंगे. इधर, जोधपुर में निजी अस्पतालों की बंदी का असर अब दिखने लगा है.
शहर में पिछले चार दिनों से कोई भी निजी अस्पताल नहीं खुला है. इस बीच दो दिन लगातार सरकारी छुट्टी के चलते सरकारी अस्पतालों की ओपीडी भी दो घंटे ही चल सकी. जिसके कारण मरीजों को खासी दिक्कतें पेश आई. वहीं, शहर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के तत्वावधान में निजी अस्पतालों का आंदोलन लगातार चल रहा है. शुक्रवार को आईएमए के सचिव डॉ. सिद्धार्थ राज लोढा ने बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने डॉक्टरों की बातों पर ध्यान नहीं दिया तो कार्य बहिष्कार इसी तरह से जारी रहेगा. डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर भी हड़ताल पर हैं. कॉलेज प्रबंधन ने रेजिडेंट डॉक्टरों को मनाने की काफी कोशिश की, लेकिन वो सफल नहीं हुए. अलबत्ता सरकार की ओर से नियुक्त सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर वापस काम पर लौटने को तैयार हुए हैं.