जोधपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गृह नगर से कुछ दूर स्थित झालामंड गांव के उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्र पांच दिनों से (Villagers and students on protest) आंदोलनरत हैं. वे स्कूल नहीं जा रहे हैं. काफी संख्य में ग्रामीण भी उनके साथ ही धरने पर बैठे हैं. स्कूल के बाहर ही धरने पर सब मिलकर स्कूल के प्रिंसिपल राजेंद्र सिंह कुंपावत के तबादले को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
छात्रों और ग्रामीणों का कहना है कि राजेंद्र सिंह ने तीन साल में स्कूल की दशा बदल दी. भामाशाहों के सहयोग से स्कूल का विकास करवाया है. स्कूल का परीक्षा परिणाम भी सुधरा है लेकिन अचानक उनका तबादला कर दिया गया. प्रदर्शनकारी छात्र और ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनका तबादला रद्द नहीं हो जाता (protest due to transfer of principal) वे स्कूल नहीं जाएंगे. पांच दिन से चल रहे इस आंदोलन की सुध लेने एक बार शिक्षा विभाग के अधिकारी आए लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका. स्थानीय विधायक सहित अन्य ने अभी तक इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया.
पढ़ें.चाकसू में छात्रों का स्कूल के खिलाफ प्रदर्शन, किया हाईवे जाम...देखें वीडियो
1 हजार से ज्यादा छात्र स्कूल में
झालामंड के 12वीं तक के इस विद्यालय में एक हजार से अधिक छात्र-छात्राएं हैं, लेकिन 24 सितंबर को जारी हुई सूची में यहां के प्रिंसिपल राजेंद्र सिंह कुंपावत का तबादला बालेसर कर दिया गया. उनकी जगह पर मृदुला शेखावत को लगाया जिन्होंने ज्वाइनिंग भी ले ली. लेकिन जब छात्रों को इसका पता चला तो आंदोलन शुरू हो गया. पांच दिनों से गांव के छात्र-छात्राओं का स्कूल के बाहर प्रदर्शन चल रहा है. झालामंड के अलावा अन्य गांवों से भी छात्र आते हैं वे ही कक्षा में जा रहे हैं.
पढ़ें.व्याख्याताओं की कमी के विरोध में स्टूडेंट्स ने एसडीएम कार्यालय किया घेराव, दी आंदोलन की चेतावनी
कुंपावत ने बदली स्कूल की सूरत
ग्रामीणों ने बताया कि राजेन्द्र सिंह ने वर्ष 2017-18 में यहां कार्यभार ग्रहण किया. उस समय दसवीं तक की स्कूल था. उन्होंने इस स्कूल के सुधार का बीड़ा उठाया. गांव के पुखराज प्रजापत का कहना है कि प्रधानाचार्य राजेन्द्र सिंह कुंपावत ने पूरे स्कूल का कायापलट कर दिया. जेडीए से 72 बीघा जमीन आवंटित करवाई थी. नामांकन भी बढ़ाया था. भामशाहों से संपर्क कर नए कमरे बनावाए. कुल मिलाकर स्कूल में शैक्षणिक माहौल विकसित किया जिसके चलते आस पास के गांवों के भी बच्चे यहां आने लगे. कुंपावत खुद भी आठ माह बाद सेवानिवृत्त होने वाले हैं, लेकिन इस बीच उनका तबादला कर दिया गया. नियमानुसार सेवानिवृत्ति के नजदीक होने प कभी तबादला नहीं होता है.
छात्र बोले प्रिंसिपल के आने पर ही स्कूल जाएंगे
ईटीवी भारत ने मौके पर जाकर हालात का जायजा लिया. स्कूल के ज्यादातर कमरे खाली थे. स्कूल की छात्राएं भी धरना स्थल पर सुबह आई थीं, लेकिन उन्हें घर भेज दिया गया. सिर्फ छात्र और ग्रामीण ही धरने पर बैठे हैं. छात्रों का कहना है कि जब तक सरकार प्रिंसिपल राजेंद्र सिंह कुंपावत का तबादला रद्द कर उन्हें वापस यहां स्थापित नहीं कर देती तो हम स्कूल में नहीं जाएंगे.