जोधपुर. विश्व युद्ध के शहीद हों या पुलवामा हमले के शहीद, कारगिल वार में जान गंवाने वाले हों या फिर सीमा पर जान कुर्बान करने वाले देश के जांबाज...हम देशवासी कुछ दिन उन वीर शहीदों को याद रखते हैं, और फिर उनकी शहादत बिसरा दी जाती है. लेकिन एक युवा ऐसा है जो अपने दिल में इन वीर शहीदों की कुर्बानी को इस कदर संजोए हुए है कि वह शहीदों के गांव पहुंचकर उनके घर की मिट्टी इकट्ठी कर रहा है. बेंगलुरू से चले उमेश गोपानाथ जाधव की इस कोशिश को सलाम.
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100 शहीदों के घर की मिट्टी इकट्ठी कर चुके गोपीनाथ
देश के शहीदों को सम्मान देने के लिए गोपीनाथ जाधव ने जो अभियान शुरू किया था, वह अनूठी मुहिम अब पूर्ण होने के करीब है. बेंगलुरू से 9 अप्रैल 2019 को निकले उमेश गोपीनाथ जाधव ने देश के शहीदों की भूमि से मिट्टी एकत्र करनी शुरू की थी. अब तक 100 शहीदों के यहां से मिट्टी एकत्र कर चुके हैं. इस दौरान वे 70 हजार किलोमीटर का सफर कर चुके हैं. बीते वर्ष 21 नवम्बर को वे जोधपुर (Shaheed Mitti Yatra reached Jodhpur) आये थे. यहां से आगे के राज्यो में गए थे. अब वापसी में एक साल से भी ज्यादा समय के बाद शुक्रवार शाम को वह जोधपुर पहुंचे जाधव ने बताया कि अगले वर्ष अप्रैल में यह यात्रा गुजरात के कच्छ के रण (Martyr soil journey concludes in the Rann of Kutch) में पूरी होगी.