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बदल रहा है मौसम, सर्दियों में रखें दिल का ख्याल, ब्लड प्रेशर की डोज भी करें रिव्यू - Rajasthan Hindi News

मौसम में बदलाव के साथ ही प्रदेश में सुबह-शाम ठंड होने लगी है. ऐसे में दिल के रोगियों की परेशानियां बढ़ने लगी है. हार्ट पेशेंट के लिए थोड़ी सी लापरवाही घातक साबित हो सकती है. डॉक्टर इस मौसम में दिल की बीमारी वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं.

Take care of your heart in winter
बदल रहा है मौसम, सर्दियों में रखें दिल का ख्याल

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 1, 2023, 4:27 PM IST

बदल रहा है मौसम, सर्दियों में रखें दिल का ख्याल

जोधपुर. प्रदेश में सर्दी का मौसम शुरू हो गया है. प्रदेश के कई जिलों में सुबह- शाम सर्दी महसूस होने लगी है. मौसम विभाग के अनुसार पूर्वी राजस्थान के कोटा, उदयपुर संभाग के कुछ भागों में आगामी दो दिन तक हल्की बारिश होने की भी संभावना है. मौसम में बदलाव के साथ ही मौसमी बीमारियों का भी प्रकोप बढ़ जाता है. सर्दी के मौसम में कार्डियक अरेस्ट का खतरा भी बढ़ जाता है. हृदयरोग से पीड़ित लोगों के लिए सर्दी का मौसम ज्यादा पीड़ादायक होता है. सर्दियों में दिल की बीमारी वाले लोगों के लिए परेशानी बढ़ जाती है.

कार्डियोलॉजिस्ट पवन सराडा का कहना है कि इस मौसम में बुजुर्गों जिनके ब्लड प्रेशर की टैबलेट चलती है उसका रिव्यू अपने डॉक्टर से जरूर कराना चाहिए. साथ ही डॉक्टर सराडा ने कहा कि इसके अलावा सामान्य सावधानियां भी बरतनी चाहिए जिससे किसी तरह की परेशानी नहीं हो. डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलोजी विभाग के एसोएिट प्राफेसर डॉ पवन सारडा का कहना है कि बुजुर्गों और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को गर्म कपड़ों का उपयोग करना चाहिए. सर्दियों में मॉर्निंग वॉक भी गुनगुनी धूप में करनी चाहिए. ठंडे मौसम में सुबह जल्दी बाहर जाने से बचना चाहिए खास तौर से सर्द हवाओं से जरूर बचें.

पढ़ें:राजस्थान में मौसम ने बदली 'करवट', कई जगह पर हल्की बारिश और कोहरा छाए रहने की संभावना

बीपी की डोज रिव्यू करनी चाहिए: डॉ. पवन सारडा बताते हैं कि सर्दी में बीपी की दवा की डोज भी बढ़ानी पड़ती है क्योंकि जो डोज गर्मी में जितना काम करती है उसका सर्दी में असर नहीं होता है. सर्दियों में बुजुर्गों को अपने डॉक्टर से संपर्क कर चेकअप जरूर कराना चाहिए. डॉ सारडा के मुताबिक अगर कोई बुजुर्ग धूम्रपान करते हैं तो उन्हें धूप में निकलने के बाद ही करना चाहिए. सर्द हवा कम से कम फेफड़ों तक पहुंचे इसका ख्याल पीड़ित लोगों को जरूर रखना चाहिए.

बढ़ रहे हैं मरीज:मथुरादास माथुर अस्पताल के कार्डियोलोजी विभाग में भी इन दिनों कार्डियक मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इमरजेंसी वार्ड में भी कार्डियक अरेस्ट के केस आ रहे हैं. ओपीडी में मरीजों की लंबी कतारें नजर आ रही हैं. डॉक्टरों का कहना है कि इस समय में रोगियों की संख्या स्वभाविक रूप से बढ़ती है.

सर्दी के यह तीन खतरे:

  • सर्दी के सीजन में सिम्फेटिक एक्टिविटी बढ़ जाती है यानि हार्ट रेट ज्यादा होती है. नर्वस सिस्टम भी ज्यादा सक्रिय हो जाता है.
  • सांस की नलियों के जरिये फेफड़ों में ठंडी हवा अंदर जाती है तो इससे नलियां सिकुड़ने का खतरा बढ़ जाता है. इससे हार्ट पर भी दबाव बढ़ता है.
  • सर्दी में ब्लड की विस्कोसिटी बढ़ जाती है. यानि खून सामान्य दिनों से गाढ़ा हो जाता है, अधिक उम्र के लोगों में इससे ब्लॉकेज का खतरा बढ़ जाता है.

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