लूणी (जोधपुर). अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स जोधपुर में कार्य करने वाले चिकित्सकों और सहायक स्टाफ को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अब एक नई पहल की गई है. एम्स में 'अभेदय द एरोशील्ड' का लोकार्पण किया गया. इसे इस्कॉन सर्जिकल लिमिटेड के सहयोग से बनाया गया है. यह एक तरह की सुरक्षा पेटी है.
चिकित्सकों के लिए लगाई गई सुरक्षा पेटी चिकित्सक को मरीज से संक्रमित होने से बचाव के लिए इसमें सेल्फ सिलेबल हैंड पोर्ट्स रखे जाएंगे. जानकारी देते हुए एम्स निदेशक डॉक्टर संजीव मिश्रा ने बताया कि इस सुरक्षा पेटी की सहायता से एरोसॉल का फैलाव कम होगा और इस पेटी को ऑपरेशन थिएटर और आईसीयू में लगाया जाएगा.
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वर्तमान परिस्थितियों में कोरोना महामारी से बचाव के लिए यह सुरक्षा पेटी निर्णायक साबित होगी. इससे इलाज के दौरान चिकित्सकों और सहायक स्टाफ को मरीज से होने वाले संक्रमण से बचाया जा सकेगा.
इस्कॉन सर्जिकल के एनके जैन ने बताया कि यह डिवाइस मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारतीय विचारधारा पर है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में 80% मेडिकल डिवाइस आयात की जाती हैं, वहीं मेडिकल इंस्टिट्यूट ऑफ इंडस्ट्री मिलकर काम करें तो स्थानीय स्तर पर ही मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री विकसित हो सकती है.
उन्होंने कहा कि 'एम्स के एंटी विभाग के डॉ. अमित गोयल से यह आइडिया मिला था. जिसके बाद आइडिया को हमने मूर्त स्वरूप देकर हमने एम्स को दिया है. आगामी एक महीने में करीब 200 डिवाइस बनाए जाएंगे.'
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बताया जा रहा है कि डिवाइस की कीमत करीब 18 हजार रुपए है. एम्स मेडिकल डिवाइस बनाने के लिए आईटीआई के साथ लगातार काम कर रहा है. इस सुरक्षा बॉक्स को डॉ. अभिनव दीक्षित, डॉ. शिल्पा गोयल, डॉ. अमित गोयल, डॉ. शिल्पी गुप्ता, डॉ. विधु शर्मा, डॉ. नितिन के निर्देशन मर एनके जैन और उनकी इस्कॉन सर्जरिकल लिमिटेड की टीम ने तैयार किया है.