जोधपुर.गहलोत सरकार की ओर से दिए जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन में अब घोटाले (Scam in social security pension in Rajasthan) होने लगे हैं. परिवार के वृद्धजनों विधवा या अन्य के नाम की पेंशन दूसरे रिश्तेदारों के खाते में जमा हो रही है. इसमें ई-मित्र संचालकों की भी मिलीभगत सामने आई है. सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग की ओर से जयपुर में ऐसे कई मामले चिन्हित किए गए हैं. ज्यादातर में विधवा और वृद्धावस्था लाभार्थी के साथ गड़बड़झाला हुआ है. इनमें 22 मामले जोधपुर जिले के भी हैं, जिसको लेकर अब स्थानीय सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग ने जांच शुरू की है.
फिलहाल, ऐसे फर्जीवाड़े वाले मामलों की पेंशन रोकी गई है. विभाग के उप निदेशक अनिल व्यास ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर ई-मित्र संचालक की ओर से ऑनलाइन आवेदन में खाता संख्या बदलने से पेंशन दूसरे खातों में जा रही है, यह सामने आया है. इसके अलावा कुछ मामलों में उम्र बढ़ाकर भी वृद्धावस्था पेंशन उठाना सामने आया है. सभी प्रकरण की विस्तृत जांच की जा रही है.
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जनाधार से जोड़ने में हुआ गड़बड़झाला- विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ई मित्र संचालकों ने पेंशन लेने वाले लाभार्थी के रिश्तेदार के साथ मिलकर जनाधार ऑनलाइन अपडेट करते समय बैंक के खाता नंबर और आईएफसी कोड बदल दिए, जिसके चलते पेंशन तो जिसके नाम से आवेदन है उसके नाम से जारी हुई, लेकिन किसी और के खाते में जमा हो रही है. ऐसी शिकायतें मिलने के बाद राज्य स्तर पर हुई जांच में गड़बड़ी का पता चला.
उम्र बढ़ाकर बनाया वृद्ध- उप निदेशक अनिल व्यास ने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन के लिए सरकार की ओर से उम्र निश्चित की गई है, लेकिन ऐसे मामले भी सामने आए हैं. जिनमें जनाधार से अपडेट करते हुए उम्र बढ़ा कर पेंशन उठाई गई है. ऐसे मामले में पेंशन आवेदन सत्यापन के बाद बदलाव किया गया है. जिले में रेंडमली लाभार्थियों का फेरिफिकेशन भी शुरू किया जा रहा है.
जिले में चार लाख लाभार्थी- जोधपुर जिले में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत वृद्धावस्था विधवा, विकलांग और अन्य श्रेणी में 4 लाख से भी ज्यादा लोगों को वर्तमान में पेंशन दी जा रही है. जो गड़बड़झाला सामने आया है उसके बाद अब विभाग सजग हो गया है. नए पेंशन का आवेदन की पूरी पड़ताल की जा रही है. वेरिफिकेशन हो रहा है और पुराने लाभार्थियों की भी जांच की जा रही है.