रवि विश्नोई प्लेइंग 11 में नहीं जोधपुर. बरकतुल्लाह खान स्टेडियम में 32 साल बाद मंगलवार को रणजी मैच का आयोजन शुरू हुआ. चार दिवसीय मैच शुरू होने से पहले मैदान पर भारतीय टीम में खेल चुके रवि विश्नोई ने सोमवार को पसीना बहाया (Ranji Trophy Match 2023). मंगलवार को वैभव गहलोत खिलाड़ियों से मैदान पर मिल रहे थे तो युवा विश्नोई भी मौजूद थे. उनसे सबको ढेर सारी उम्मीद थी लेकिन अंतिम 11 में शामिल नहीं किया गया. उन्हें बाउंड्री से बाहर बैठना पड़ा.
उनके बाहर बैठने को लेकर जोधपुर में विरोध शुरू हो गया है. सोशल मीडिया पर जेएनवीयू के छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी ने इसके लिए वैभव गहलोत को जिम्मेदार ठहराते हुए कई ट्वीट किए. इसके अलावा कई अन्य लोगों ने भी रवि विश्नोई को नहीं खिलाए जाने को लेकर नाराजगी जताई है. फिलहाल वैभव गहलोत की ओर से कोई इस पूरे मामले को लेकर टिप्पणी नहीं आई है.
एक भी मैच में नहीं लिया- रवि विश्नोई ने निजी क्रिकेट एकेडमी से निकलकर सीधे आईपीएल में अपनी जगह बनाई थी. उसके बाद भारत की तरफ से भी मैच खेले. लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट नहीं खेली. अब राजस्थान से रणजी के लिए टीम में शामिल हुए. लेकिन अब तक जितने मैच हुए हैं उनमें रवि को नहीं खिलाया गया जबकि वह अंतराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं. रविंद्र सिंह भाटी ने आरोप लगाया कि इतनी मेहनत से रवि ने मुकाम हासिल किया लेकिन आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत की राजनीति के वजह से उन्हें अंतिम एकादश में शामिल नहीं किया जा रहा है. हर मैच में उसे बाहर बैठाया जा रहा है जबकि वह अनुभवी खिलाड़ी है और उनसे टीम राजस्थान को फायदा हो सकता है.
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शुरू हआ समर्थन का सिलसिला-रविंद्र सिंह भाटी के ट्विटर पर यह मुद्दा उठाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने रवि के पक्ष में लिखना शुरू कर दिया. जेडीए के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र सिंह राठौड़ ने वैभव गहलोत पर भेदभाव का आरोप लगाया. इसी तरह से विश्नोई टाइगर फोर्स के रामपाल भवाद ने भी इसके लिए सीएम अशोक गहलोत व वैभव गहलोत पर आरोप लगाया कि वे भेदभाव कर रहे हैं. इस पूरे मामले पर रवि विश्नोई की ओर से सोशल मीडिया पर कोई प्रतिक्रिया नही आई है.