राजेंद्र राठौड़ ने कहा, सरकार को करनी चाहिए डॉक्टर्स बात जोधपुर. विधानसभा उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि सरकार ने राइट टू हेल्थ बिल (RTH) बहुत जल्दबाजी में पारित किया है. हमने इसका विरोध भी किया था. अब जो हालात बने हैं, वह बहुत पीड़ादायक है. यह पहला मौका है जब प्रदेश में काले कोट के बाद सफेद कोट को सड़कों पर उतरना पड़ा. मंगलवार को जोधपुर आए राठौड़ ने कहा कि सरकार को चाहिए कि हालात देखते हुए इस बिल को स्थगित करे और इसके स्टेकहोल्डर से बैठ कर बात करें.
राठौड़ ने कहा कि ठीक है अगर यह सरकार का प्रतिष्ठा का प्रश्न है, तो सरकार को इससे पहले सरकारी संस्थानों, प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और उन संस्थानों में इसे लागू करना चाहिए, जिनको सरकार ने सस्ती दरों पर जमीन और अन्य सुविधाएं दी हैं. इसके बाद सभी स्टेकहोल्डर से बात करनी चाहिए. मैंने पहले भी प्रवर समिति और विधानसभा में कहा था कि यह कानून मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में लागू होना चाहिए. लेकिन सरकार ने नहीं माना. अब केवल अखबारों में अपील करने के बजाए डॉक्टर से बात करनी होगी और मुख्यमंत्री जी को इसके लिए तैयार होना ही पड़ेगा.
पढ़ेंःRight to health Bill पर डॉक्टरों के विरोध पर बोले डोटासरा, मैं मध्यस्थता के लिए तैयार
राठौड़ ने कहा कि सभी जगह से डॉक्टर्स ने यहां के डॉक्टर्स का समर्थन किया है. प्रदेश में 80 सरकारी ट्रॉमा अस्पताल हैं, लेकिन वहां मापदंड के अनुरूप डॉक्टर्स नहीं हैं. इससे पहले वकीलों की हड़ताल 1 महीने और 3 दिन तक चली, जबकि कांग्रेस सरकार ने खुद वादा किया था कि बिल लाएंगे. उसे लंबा खींचा गया, जनता को भुगतना पड़ा. तब कहीं जाकर सरकार एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल लेकर आई. राठौड़ ने कहा कि तीन महीनों में सीएम के दौरे बढ़े. जोधपुर में उनको अभी से घबराहट हो गई है. आज पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है. साइबर क्राइम में भी राजस्थान अव्वल है. रंगदारी और फायरिंग की सर्वाधिक घटनाएं जोधपुर में हो रही हैं. प्रदेश में महिलाओं के साथ सर्वाधिक अपराध हो रहे हैं.
पढ़ेंःRight To Health Bill: डॉक्टरों की हड़ताल पर गहलोत गंभीर, सीएस को दिए डॉक्टरों से वार्ता के निर्देश
अडानी पर जारी करें श्वेत पत्रः राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली जाकर अडानी को लेकर आरोप लगाते हैं, तो उनको राजस्थान में अदानी को लेकर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. क्योंकि राजस्थान में सरकार ने पलक पांवड़े बिछाकर लाखों बीघा जमीन अडानी को दी है. इसके अलावा सबसे महंगे कोयले का सिंगल टेंडर अडानी को दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अडानी पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए.