जोधपुर.भाजपा को विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिला है. अभी मुख्यमंत्री का नाम घोषित होना बाकी है, जिसकी चर्चा चारों ओर चल रही है. साथ में भाजपा सरकार के संभावित मंत्रिमंडल को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं. इस बार भाजपा की सीटों में पश्चिमी राजस्थान यानी मारवाड़ के छह जिलों का भी योगदान ज्यादा है. यहां 33 में से 23 विधायक जीते हैं. ऐसे में कई विधायकों को मंत्री पद मिलने की उम्मीद है. पूर्व में पार्टी इन छह जिलों से मंत्रिमंडल के पहले गठन में ही तीन से चार लोगों को शामिल करती आई है. बाद में विस्तार में भी जगह दी गई. ऐसे में इस बार भी प्रमुख जातियों के विधायकों को जगह मिल सकती है. इनमें राजपूत, जाट, विश्नोई, ब्राह्मण, पटेल और एससी वर्ग के विधायकों को मंत्री पद मिल सकता है.
किसका कहां दावा मजबूत :
राजपूत -बाली से लगातार छठी बार जीते पूर्व मंत्री पुष्पेंद्र सिंह राणावत, लगातार दूसरी बार त्रिकोणीय संघर्ष में जीते सिवाना विधायक हमीर सिंह भायल का दावा सबसे मजबूत है. इसके अलावा पूर्व मंत्री लोहावट विधायक गजेंद्र सिंह खींवसर और चौथी बार जीते शेरगढ़ के बाबू सिंह भी कतार में हैं. इसके अलावा पोकरण से मंत्री को हराने वाले महंत प्रतापपुरी का दावा भी मजबूत है. उनको बनाने से राजपूत और सनातन वर्ग को साधा जा सकता है.
जाट - पचपदरा से जीते नए चेहरे अरुण चौधरी जिनके पिता भी दो बार मंत्री रहे हैं. इसके अलावा ओसियां से दिव्या मदेरणा को हराने वाले भैराराम चौधरी का भी दावा मजबूत है. चौधरी पहले संसदीय सचिव रहे हैं.
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ब्राह्मण - पूरे पश्चिमी राजस्थान में एक मात्र ब्राह्मण विधायक के रूप में सूरसागर से पहली बार रिकॉर्ड मतों से जीते देवेंद्र जोशी को मंत्री पद मिल सकता है. जोशी संघ की भी पसंद हैं.
एससी/एसटी - आबू रोड पिंडवाड़ा से तीसरी बार जीते एसटी के शामाराम गरासिया, सोजत से पूर्व आईएएस मुख्य सचिव रहे निरंजन आर्य को बड़े अंतर से हराने वाली एससी की शोभा चौहान का दावा मजबूत है. वो लगातार दूसरी बार जीती हैं. बाड़मेर के चौहटन से जीते एससी वर्ग के आदुराम भी कतार में हैं. पूर्व मंत्री और बिलाड़ा जीत हासिल करने वाले अर्जुन राम गर्ग भी रेस में हैं.
मारवाड़ से मंत्री के संभावित दावेदार बिश्नोई - जोधपुर संभाग से भाजपा के इस बार दो बिश्नोई विधायक चुनाव जीत कर आए हैं. इनमें गुड़ामालानी से केके बिश्नोई युवा चेहरा हैं. इसके अलावा फलोदी से लगातार तीसरी बार जीते बाबा राम बिश्नोई भी अनुभवी हैं. लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बार पश्चिमी राजस्थान से इस वर्ग को पार्टी जगह दे सकती है, क्योंकि कांग्रेस ने भी एक पद दिया था.
मूल ओबीसी - जालोर-सिरोही सांसद देवजी पटेल, सांचौर से विधायक का चुनाव हार गए. ऐसे में उनको अब टिकट मिलना मुश्किल है. पटेल समुदाय पश्चिमी राजस्थान के जालोर-सिरोही और जोधपुर में काफी संख्या में है. ऐसे में लूणी से जीते जोगाराम पटेल का दावा मजबूत दिखता है. इसके अलावा जनवा जाट वर्ग से मारवाड़ जंक्शन से जीते केशाराम चौधरी, देवासी रेबारी समाज को साधने के लिए ओटाराम देवासी और जैतारण से दूसरी बार जीते माली वर्ग के अविनाश गहलोत पर भी पार्टी दांव खेल सकती है.