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Rajasthan Politics : रक्षा मंत्री के सामने भाजपा की खींचतान, मंच पर पूर्व विधायक बाबू सिंह से छीना माइक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के जौधपुर दौरे के दौरान मंच पर नेताओं के बीच खींचतान देखने को मिली. मंच पर पूर्व विधायक बाबू सिंह बीच में आए और माइक संभाल लिया. इसपर वहां मौजूदा कार्यकर्ता ने उनसे माइक छीन लिया.

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Published : Jun 28, 2023, 9:56 PM IST

Mic snatched from Ex MLA
पूर्व विधायक बाबू सिंह से छीना माइक

मंच पर पूर्व विधायक बाबू सिंह से छीना माइक

जोधपुर. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सभा में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और शेरगढ़ के पूर्व विधायक बाबूसिंह राठौड़ के बीच चल रही खींचतान एक बार फिर सामने आ गई. सभा के मंच से देहात मंहामंत्री जसवंत सिंह इंदा जब राजनाथ सिंह को बुलावा दे रहे थे, उस दौरान अचानक पूर्व विधायक बाबूसिंह राठौड़ बीच में आए और माइक संभाल लिया.

बाबूसिंह को फिर बोलने का मौका दिया : उनसे किसी ने पूछा कि आप बिना बुलाएं क्यों आए, तो उन्होंने जवाब दिया मैंने 'राजनाथ सिंह जी' से पूछ लिया है. बाबूसिंह ने भाषण शुरू किया ही था कि वहां मौजूदा प्रतापसिंह ने उनसे माइक छीन लिया. इससे भीड़ में भी नारेबाजी होने लगी. उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया और गजेंद्र सिंह शेखावत ने हालात संभाला. राजनाथ सिंह ने जनता को इशारा कर शांत करवाया. इसके बाद पूनिया ने बाबूसिंह को फिर बोलने का मौका दिया, लेकिन राष्ट्रीय स्तर के नेता के सामने दोनों की तल्खी चर्चा का विषय बन गई. बाबूसिंह ने अपने संबोधन कहा कि क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय खोला जाए, बाद में शेखावत ने कहा कि यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

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पहले बोलने से मना किया था :सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह के आने से पहले मंच से पूर्व विधायक बाबूसिंह राठौड़ का नाम भाषण के लिए पुकारा गया था, लेकिन उन्होंने बोलने से मना कर दिया. जब राजनाथ सिंह मंच से संबोधन करने वाले थे, उससे पहले प्रोटोकॉल तोड़कर माइक अपने हाथ में ले लिया. इसके चलते कार्यकर्ता राणा प्रतापसिंह ने उनसे माइक छीन लिया, इससे नारेबाजी होने लगी तो नेताओं को हस्तक्षेप करना पड़ा.

वसुंधरा समर्थक हैं राठौड़ : बाबूसिंह शेरगढ़ से लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं. उनको वसुंधरा राजे समर्थकों में शुमार किया जाता है. शेखावत के सांसद बनने के बाद से दोनों के बीच खींचतान चल रही है. बाबू सिंह राठौड़ पिछला चुनाव हार गए थे. इसके बाद से वे हाशिए पर चल रहे हैं. गाहे बगाहे आंदोलन कर वे सक्रिय हो रहे हैं. वे पांचवीं बार भाजपा से प्रत्याशी बनने के लिए प्रयास कर रहे हैं, जबकि क्षेत्र में अब कई दावेदार मैदान में हैं.

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