राजस्थान

rajasthan

Rajasthan International expo: एक्सपो से निर्यातकों की उम्मीदें परवान, नियमित लगे तो मिलेगा फायदा

By

Published : Mar 22, 2023, 9:01 PM IST

राजस्थान इंटरनेशनल एक्सपो से जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट व्यवसायियों को खासी उम्मीदें जागी हैं. उनका कहना है कि अगर यह एक्सपो हर साल लगे, तो उन्हें फायदा होगा.

Rajasthan International expo in Jodhpur, know reaction of handicraft businessmen
Rajasthan International expo: एक्सपो से निर्यातकों की उम्मीदें परवान, नियमित लगे तो मिलेगा फायदा

राजस्थान इंटरनेशनल एक्सपो से जागी हैंडीक्राफ्ट व्यवसासियों की उम्मीदें...

जोधपुर.राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल आरईपीसी की ओर से जोधपुर में लगाए गए राजस्थान इंटरनेशनल एक्सपो से जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट व्यवसायियों को काफी उम्मीद है. उनका कहना है कि पहली बार यह आयोजन हुआ है. अगर सरकार हर वर्ष इसका आयोजन करे, तो जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट को और ज्यादा ऊंचाइयां मिलेगी. विदेशी बॉयर सीधे जोधपुर ही आ सकेंगे. बुधवार को एक्सपो का समापन हो गया.

वर्तमान में दिल्ली में होने वाले फेयर पर ही सबको निर्भर रहना पड़ता है. व्यवसायियों का कहना है कि जोधपुर का 90 फीसदी हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट होता है. इस एक्सपो के माध्यम से नए विदेशी बाजार बनाने में भी मदद मिलेगी. वर्तमान में अमेरिका और यूरोप में मंदी और अन्य कारणों से एक्सपोर्ट प्रभावित हो रहा है. ऐसे में इस तरह के एक्सपो एक्सपोटर्स के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे. लेकिन उनका यह भी कहना है कि अगर विस्तृत प्लानिंग होती, तो ज्यादा अच्छा रहता.

पढ़ें:Rajasthan International Expo: राजस्थान इंटरनेशनल एक्सपो शुरू, कल शिरकत करेंगे मुख्यमंत्री

प्लानिंग और मजबूत होती, तो और अच्छा रहता: 20 साल से हैंडीक्राफ्ट का काम कर रहे चुन्नीलाल का कहना है कि यह एक्सपो किसी बड़े एक्सपो से कम नहीं है. थोड़ा प्रचार-प्रसार और होता, तो शायद और ज्यादा खरीदार आते. क्योंकि कई लोगों को तो इसकी जानकारी भी नहीं थी. फिर भी जोधपुर में ही हमारे लिए इस तरह का आयोजन फायदेमंद होगा. कैमल बॉन से हैंडीक्राफ्ट बनाने वाले मो. फारूख का कहना है कि हमें बहुत अच्छा रेस्पांस मिला है. कई बायर्स ने रूची दिखाई है.

एक्सपोर्टर अनिल टाटिया कहते हैं कि जोधपुर में हैंडीक्राफ्ट के कच्चे माल की उपलब्धता नहीं है. उद्यमियों ने अपनी उद्यमशीलता से इस बाजार को बनाया है. आने वाले समय में एक्सपो का रूप ईपीसीएच दिल्ली के फेयर के बराबर होगा. कबाड़ से हैंडीक्राफ्ट बनाने के माहिर एवं राजसिको के निदेशक अजय शर्मा का कहना है कि जोधपुर एक्सपो को लेकर लोगों ने क्रेज दिखाया है. पहले फेयर में काफी संख्या में विदेशी बॉयर्स ने रूची दिखाई है. अफ्रीकी देश हमारे लिए नए बाजार भी हो सकते हैं. सरकार का प्रयास काफी सार्थक साबित होगा.

पढ़ें:Rajasthan International expo 20 से 22 मार्च तक, संचालन समिति ने लिया तैयारियों का जायजा

200 से ज्यादा बॉयर्स आए:आरपीईसी के इस एक्सपो में पहली बार में 200 से ज्यादा बॉयर्स जोधपुर आए हैं. इनमें 17 ​देशों के विदेशी बॉयर भी हैं. सेनेगल से 30 बॉयर्स पहुंचे. इसके अलावा यूएसए, यूके, रूस, सऊदी अरब, यूएई, स्वीडन, थाईलैंड, नीदरलैंड, कोलंबिया, मैक्सिको, घाना, सूडान, मिस्र, बोलीविया, उगांडा, अल्बानिया से बॉयर्स ने जोधपुरी हैंडीक्राफ्ट को काफी सराहा. कई एक्सपोर्टस के साथ डील भी हुई है. 235 इंडियन बॉयर्स भी पहुंचे.

पढ़ें:CM Ashok Gehlot करेंगे राजस्थान इंटरनेशनल एक्सपो का उद्घाटन, 17 देशों के बायर्स लेंगे हिस्सा

एक्सपो में हस्तशिल्प से लेकर वुडन एवं आयरन फर्नीचर, टैक्सटाइल्स, एग्रो एवं फूड प्रोडटक्स, सेरेमिक व अन्य उत्पादों को व्यापक स्तर प्रदर्शित किया गया. जोधपुर में भी इस तरह के हैंडीक्राफ्ट बनते हैं. करीब 5 लाख से ज्यादा लोग इस व्यवसाय से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं. जोधपुर में करीब 800 एक्सपोटर्स हैं. हैंडीक्राफ्टस की 3000 छोटी-बड़ी ईकाइयां काम करती हैं. इसके अलावा घरों में कुटीर उद्योग की तरह छोटे-छोटे सामान या कच्चा माल तैयार होता है. सालाना 2000 से ज्यादा कंटेनर एक्सपोर्ट होते हैं. कुल चार से पांच हजार करोड़ का सालाना व्यापार होता है. कोरोना के चलते यह आधा रह गया था. जिसने धीरे-धीरे गति पकड़ी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details