जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय ने अधिवक्ताओं के लिए आरक्षित रामराज नगर योजना में अतिक्रमण हटाने को लेकर जोधपुर विकास प्राधिकरण की ढुलमुल नीति पर को देखते हुए असंतोष जाहिर किया है. हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर अतिक्रमण हटाकर नई रिपोर्ट पेश करने के निर्देश जारी किए हैं. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत मोहंती और न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन जोधपुर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की.
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सुनवाई के दौरान जेडीए की ओर से पेश रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेते हुए सुनवाई की. रिपोर्ट के पैरा नौ में बताया गया कि रामराज नगर योजना में 7 बिस्वा भूमि पर अतिक्रमण हटाया गया है, जबकि करीब 14 बीघा जमीन है. ऐसे में जेडीए की ढुलमुल नीति पर नाराजगी जाहिर की गई. अतिक्रमण हटाने के लिए समय-समय पर उच्च न्यायालय ने निर्देश जारी किए, लेकिन जेडीए की ओर से पूरी तरह से पालना नहीं की जा रही है.
वहीं, अतिरिक्त महाधिवक्ता करण सिंह राजपुरोहित से न्यायालय ने अनुरोध किया कि वो इस मामले में उपस्थिति दर्ज कराते हुए भूमि से जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाने और विवाद सुलझाने के लिए पक्षकारों के बीच मध्यस्थता भी करें. उच्च न्यायालय ने इसके साथ ही जेडीए को निर्देश दिए हैं कि वहां से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने के साथ ही वहां पर गड्ढों को भरने, सीवरेज लाइन व अन्य सुविधाए मुहैया करवाएं ताकि वहां पर जिनको भूखंड आवंटित हो वे मकान बना सके और रहवास कर सके. लोगों का रहवास होने से वहां अतिक्रमण भी नहीं हो पाएगा. अगली सुनवाई पर 5 मई को रिपोर्ट पेश करें.