राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

सरकार का संशोधन प्रार्थना पत्र निस्तारित, पूर्व के कथन में हुआ संशोधन, राज्य के अधिकारों पर प्रतिकूल असर नहीं

राजस्थान के बहुचर्चित संजीवनी कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले के आरोपों में घिरे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मुश्किलें फिर से कुछ बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दायर संशोधन प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए उसका निस्तारण कर दिया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 30 मई को होगी.

Rajasthan High Court News
सरकार का संशोधन प्रार्थना पत्र निस्तारित

By

Published : Apr 28, 2023, 3:22 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के घोटाले के आरोप में घिरे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की याचिका में राज्य सरकार की ओर से संशोधन के लिए पेश प्रार्थना पत्र को सुनवाई के बाद निस्तारित कर दिया. जस्टिस कुलदीप माथुर की बेंच में राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी व उनके सहयोगी एएजी अनिल जोशी और वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने पैरवी की थी.

ये भी पढ़ेंःSanjeevani Scam : CBI को जांच ट्रांसफर करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, खारिज की याचिका

गजेंद्र सिंह शेखावत को आरोपी माना जाएः उन्होने कोर्ट को बताया कि 13 अप्रैल को सुनवाई के दोरान केस में एसओजी की ओर से अनुसंधान अधिकारी मौजूद थे, लेकिन तालमेल नहीं होने से पूरे तथ्य पेश नहीं हो पाए. उन्होने कहा कि उस दिन सरकार की ओर से कहा गया कि किसी भी FIR में केंद्रीय मंत्री शेखावत आरोपी नहीं हैं. जबकि एसओजी की एफआईआर 32/ 2019 में जांच प्रमाणित होने के बाद केंद्रीय मंत्री पर आरोप प्रमाणित हैं. जब यह तथ्य सामने आया तो संशोधन के लिए तत्काल प्रार्थना पत्र पेश किया गया, लेकिन कोर्ट का समय पूरा हो चुका था. वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि ऐसे में 13 अप्रैल के आदेश में केवल इतना ही संशोधन चाहते है कि आरोपी माना जाए, पूरे अंतरिम आदेश में संशोधन नहीं चाहते है.

30 मई को होगी अगली सुनवाईःकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में कोई मौजूद नहीं है. कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से पेश संशोधन प्रार्थना पत्र को निस्तारित कर दिया. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सभी न्यायसंगत और कानूनी आपत्तिया उठाई जा सकती हैं. कोर्ट ने कहा कि पूर्व में दिए गए कथन राज्य सरकार के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेगा. कोर्ट ने संशोधन प्रार्थना पत्र को निस्तारित कर दिया एवं मामले में 30 मई को अगली सुनवाई तक अंतरिम आदेश जारी रहेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details