राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

राजस्थान के रण में किसके सिर सजेगा मारवाड़ की सियासत का ताज ?

Politics in Marwar, राजस्थान विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद अब राजनीतिक गुणा-भाग का दौर जारी है. मारवाड़ की राजनीति को लेकर भी चर्चा है कि आखिर किसके सिर सजेगा यहां सियासत का ताज ? देखिए ये रिपोर्ट...

Politics in Marwar
Politics in Marwar

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 29, 2023, 1:53 PM IST

मारवाड़ की सियासत

जोधपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद सीटों के आंकलन में दोनों पार्टियां माथा-पच्ची कर रही हैं. पार्टी संगठन के साथ-साथ पार्टी के प्रमुख नेता भी गुणा-भाग करने में लगे हैं. बात मारवाड़ की करें तो यहां की सियासत भी अलग तरह की है. लंबे समय से यहां की सियासत पर कांग्रेस से अशोक गहलोत और भाजपा से वसुंधरा राजे ही राज करते आए हैं, लेकिन इस बार के चुनाव में गजेंद्र सिंह शेखावत भी दौड़ में शामिल हो गए हैं. हालांकि, ताज किसके सिर होगा, यह तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा, जब परिणाम सामने आएंगे.

भाजपा में कहा जा रहा है कि पश्चिमी राजस्थान में पुराने चेहरे ज्यादा रिपीट हुए हैं. ऐसे में अगर वे जीत कर आते हैं तो वुसंधरा का ही वर्चस्व होगा, जबकि भीतर खाने से यह भी कहा जा रहा है कि टिकट लेने के लिए कई दावेदारों ने शेखावत से भी एप्रोच से गुरेज नहीं किया था।. बताया यहां तक जा रहा है कि शेरगढ़ प्रत्याशी बाबू सिंह ने भी अंतिम समय में अपने धुरविरोधी शेखावत को साधा था, जबकि कांग्रेस में अशोक गहलोत ही सर्वेसर्वा रहे. ऐसे में हार-जीत भी उनके खाते में ही होगी. हालांकि, यह बात अलग है कि पूर्व में भी सीएम रहने के बाद हुई हार की जिम्मेदारी संगठन ने ली थी.

पढ़ें :राजस्थान में जातीय समीकरण के आधार पर उतारे प्रत्याशी, बीजेपी का हिंदुत्व कार्ड तो कांग्रेस के 14 मुस्लिम कैंडिडेट

कौन रहेगा आगे, राजे या शेखावत ? : मारवाड़ में गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, पाली व जालोर में फोकस किया. यहां के उम्मीदवारों के टिकट में भी उनकी भूमिका रही. बाद में प्रचार के लिए लिए सभाएं की, दौरे भी किए. वहीं, वसुंधरा राजे ने भी पुराने चेहरों के लिए पूरी तरफदारी की थी. सभी छह जिलों में अपने समर्थक उम्मीदवारों के लिए सभाएं की. गहलोत के लिए जोधपुर शहर की तीनों सीटें प्रतिष्ठा का प्रश्न हैं. सूरसागर व जोधपुर शहर के लिए उन्होंने पूरा जोर लगाया. इसी तरह से लूणी, फलौदी, पोकरण, बिलाड़ा में भी जोर लगाया. कुल मिलाकर अगर जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर में भाजपा बढ़ती है तो शेखावत दमकेंगे और अगर पाली, जालोर व सिरोही में पार्टी पुरानी जीत हासिल करती है तो वसुंधरा का गुणगान होगा.

भाजपा की स्थिति : जोधपुर संभाग में 33 विधानसभा सीटें हैं. पिछली बार चुनाव में भाजपा को सिरोही, जालोर और पाली ने ही जीवित रखा था. बाड़मेर, जोधपुर व जैसलमेर में पार्टी की सिर्फ उपस्थिति ही दर्ज हुई थी. पिछली बार 14 सीटें थीं. इस बार इसमें बढ़ोतरी होना तय माना जा रहा है. पार्टी के जानकार मान रहे हैं कि पाली, जालोर में इस बार कांग्रेस थोड़ी बढ़त ले सकती है, लेकिन सिरोही और जैसलमेर में भाजपा क्लीन स्विप करेगी. जोधपुर, बाड़मेर भी सीटें बढ़ना तय है. इस बार यह आंकड़ा 20 तक पहुंच सकता है.

कांग्रेस की स्थिति : पिछली बार कांग्रेस के पास 33 में से 16 सीटें थीं. दो निर्दलीय व एक रालोपा के पास थीं. दोनों निर्दलीय इस बार कांग्रेस से मैदान में हैं. गत चुनाव में पार्टी को जोधपुर, बाड़मेर व जैसलमेर में सफलता मिली थी. पाली, सिरोही में एक भी सीट नहीं थी. जालोर में एक सीट थी. वहीं, इस बार पाली व जालोर में बढ़ोतरी होने के कयास लगाए जा रहे हैंं, लेकिन दूसरी ओर जोधपुर व जैसलमेर में बड़ा घाटा हो सकता है. बाड़मेर में भी गत बार की सफलता नहीं मिलेगी. कुल मिलाकर 10 से 11 सीटें मिलने के आसार हैं. एक या दो सीट रालोपा और निर्दलीय के खाते में जा सकती हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details