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Rajasthan Assembly election 2023: 30 साल से भाजपा को सरदारपुरा में जीत का इंतजार, शेखावत सेफ सीट की फिराक में!

जोधपुर में सरदारपुरा सीट को लेकर खबरें थीं कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को यहां से उतारा जा सकता है. हालांकि अब कहा जा रहा है कि शेखावत किसी सेफ सीट पर जाना चाहते हैं. बता दें कि इस सीट पर भाजपा को 30 साल से जीत हासिल नहीं हुई है.

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 21, 2023, 4:01 PM IST

Updated : Oct 21, 2023, 4:08 PM IST

Sardarpura of Jodhpur
जोधपुर की सरदारपुरा सीट पर फोकस...

जोधपुर. भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है. इस बीच खबर है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सेफ सीट चाहते हैं. माना जा रहा है कि अब प्रदेश की राजनीति में उनकी रूचि बढ़ गई है. शेखावत के जोधपुर शहर से चुनाव लड़ने की खबरें आ रही थीं. यहां की सरदारपुरा सीट बीजेपी के लिए करीब 30 साल से दूर है.

जोधपुर लोकसभा क्षेत्र में सरदारपुरा को छोड़कर एक भी ऐसी सीट नहीं है, जिस पर भाजपा ने गत चार चुनाव में जीत दर्ज नहीं की हो. सरदारपुरा में 1993 में अंतिम बार भाजपा जीती थी. यानी की 30 साल से सरदारपुरा की सीट ही भाजपा के लिए चुनौती है. सीएम अशोक गहलोत यहीं से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन शेखावत इस सीट से दूरी बना रहे हैं. जबकि केंद्रीय मंत्री ही गहलोत को चुनौती दे सकते हैं. उनको घर में घेर सकते हैं. लेकिन पार्टी सूत्रों की माने तो शेखावत खुद सेफ सीट पर ही फोकस कर रहे हैं. संभवत राज्य की राजनीति में उनकी दिलचस्पी अब ज्यादा है.

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तो भाजपा इस बार चार राजपूत उतारेगी!अगर शेखावत जोधपुर शहर सीट से चुनाव लड़ते हैं, तो भाजपा का टिकटों का जातीय समीकरण गड़बड़ा जाएगा. क्योंकि भाजपा शेरगढ व लोहावट में राजपूत को टिकट देती आई है. इसके अलावा सरदारपुरा से गत दोनों बार राजपूत को उतारा था. सरदारपुरा में इसके अलावा पार्टी में विकल्प कम हैं. ऐसे में अगर जोधपुर शहर, लोहावट व शेरगढ के साथ-साथ सरदारपुरा में भी राजपूत को उतारते हैं तो इक्विशन गड़बड़ाएगी. जिसका नुकसान भी पार्टी को उठाना पड़ सकता है.

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कांग्रेस में मनीषा पंवार तय:कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने गत बार ओबीसी कार्ड खेला था. जिसके चलते मनीषा पंवार चुनाव जीत गई थी. पंवार रावणा राजपूत हैं. उनके अच्छे खासे वोट शहर के अलावा सरदारपुरा में भी हैं. जिनका फायदा गहलोत को मिलता है. ऐसे में मनीषा पंवार का दूसरी बार चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है. माना जा रहा है कि वह शेखावत को कड़ी टक्कर दे सकती हैं. जबकि गहलोत पहले इस वर्ग को खुश करने के लिए सुपारस भंडारी को इंटरनेशनल कवेंशन सेंटर का निदेशक बना चुके हैं. भंडारी एकबार यहां चुनाव भी लड़ चुके हैं.

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30 साल से भाजपा का सूखा:1972 से लेकर अब तक सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र में कुल 12 चुनाव हो चुके हैं. इनमें एक उपचुनाव भी शामिल है. 12 चुनाव में 9 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. 1977 में आपातकाल के चुनाव में जनता पार्टी से माधोसिंह चुनाव जीते थे. उसके बाद 1990 व 1993 में राजेंद्र गहलोत दो बार भाजपा से चुनाव जीते थे. यानी की 30 साल में भाजपा सरदारपुरा विधानसभा से जीत दर्ज नहीं कर पाई हैं. साफ है कि भाजपा के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं है, जो गहलोत को चुनौती दे सके.

Last Updated : Oct 21, 2023, 4:08 PM IST

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