जोधपुर. भाजपा की पहली सूची में जोधपुर जिले में बिलाडा विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री अर्जुनलाल गर्ग को फिर से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से गत बार चुनाव हारने वाले सभी प्रत्याशियों की उम्मीदें परवान चढ़ी हैं. गर्ग 2018 का चुनाव हार गए थे. इनमें कई बड़े नाम भी हैं. जैसे शेरगढ़ से बाबूसिंह, लूणी से जोगाराम पटेल, भोपालगढ़ से कमसा मेघवाल, लोहावट से गजेद्र सिंह खिंवसर, जोधपुर शहर से अतुल भंसाली और ओसियां से भैराराम सियोल शामिल हैं. मंगलवार को जोधपुर आए प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने फीडबैक भी लिया. भाजपा जानकारों की माने तो जोधपुर में हारे हुए लोगों पर फिर विश्वास जताया जा सकता है. लेकिन उन्हीं जगहों पर जहां पार्टी के पास कोई विकल्प के रूप में नया मजबूत चेहरा नहीं है.
भाजपा के जानकारों का कहना है कि ऐसे में भाजपा बिलाड़ा की तरह ही लूणी से जोगाराम पटेल, लोहावट से गजेद्र सिंह खिंवसर और ओसियां से भेराराम सियोल को वापस मौका दे सकती है. इन तीनों जगहों पर भाजपा के पास जातिगत समीकरण के आधार पर नया चेहरा नहीं है. जो कांग्रेस के उम्मीदवारों को चुनौती दे सके. इनको टिकट नहीं मिलने की सिर्फ एक ही वजह हो सकती है. वह यह है कि यह सभी वसुंधरा राजे के समर्थक माने जाते हैं. हालांकि बिलाडा से प्रत्याशी बनाए गए अर्जुनलाल गर्ग भी राजे समर्थक माने जाते हैं, लेकिन उनको टिकट देकर केंद्रीय नेतृत्व ने सभी तरह के दरवाजे खुले रखे हैं. जबकि सूरसागर, शेरगढ़, जोधपुर शहर में नए प्रत्याशी को मौका मिलना तय है. फलौदी से पब्बाराम विश्नोई पर दांव खेला जाने के संकेत हैं.
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अंतिम फीडबैक लिया प्रभारी ने:बिलाडा प्रत्याशी की घोषणा के बाद मंगलवार को ही जोधपुर आए भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने जोधपुर में कई नेताओं के साथ बैठक कर जिले की अन्य सीटों को लेकर फीडबैक लिया. हालांकि इससे पहले भी जोधपुर में कई सर्वे हो चुके हैं. जोधपुर में हुई बैठक में अरुण सिंह के अलावा, केंदीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, सह प्रभारी विजया राहटकर सहित अन्य शामिल हुए.
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इन सीटों पर मिल सकती है चुनौती:कांग्रेस जोधपुर निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा को कुछ सीटों पर आज भी चुनौती देने की स्थिति में है. इनमें ओसियां, जोधपुर शहर व सरदारपुरा प्रमुख हैं. बाकी सीटों में भाजपा जमीन तौर पर आगे है. ओसियां में दिव्या मदेरणा के सामने उतारने के लिए बड़ा चेहरा नहीं है. जो जाटों को तोड़ सके. यहां भाजपा के लिए राजपूत परेशानी बने हुए हैं. इस बार भी कोई बड़ा निर्दलीय उतर सकता है. भैराराम सियोल जाट राजपूत का गठजोड़ बनाने की कवायद में जुटे है. जोधपुर में गत बार कांग्रेस ने रावणा राजपूत मनीषा पंवार को उतार कर पूरी ओबीसी को साध लिया था. भाजपा यहां महाजन को उतारती रही है. भाजपा समर्थक ओबीसी नेता भी टिकट की दौड़ में आ गए, जो पार्टी के लिए परेशानी बन गए हैं. सरदारपुरा में अशोक गहलोत के सामने कोई बड़ा विकल्प नहीं है. अगर केंद्रीय मंत्री गजेद्र सिंह शेखावत आते हैं, तो मुकाबला हो सकता है. अन्यथा गहलोत इकतरफा चुनाव जीत जाएंगे.
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2013 में 9 जीते, 2018 में 2: जोधपुर निर्वाचन क्षेत्र में कुल 10 विधानसभा हैं. 2013 के चुनाव में भाजपा ने यहां 9 सीटें थीं. अशोक गहलोत ही एक मात्र कांग्रेस के विधायक थे. लेकिन 2018 के चुनाव में भाजपा सिर्फ सूरसागर व फलौदी की जीत सकी थी. भोपालगढ़, लूणी, ओसियां, लोहावट, बिलाडा, जोधपुर शहर व शेरगढ़ में हार का सामना करना पड़ा था. इनमें वर्तमान में भाजपा के पास यूं तो सभी जगह पर कई दावेदार हैं. लेकिन लूणी, ओसियां, बिलाडा व भोपालगढ में बड़ा नाम नहीं है. जो है उनके जातीय समीकरण नहीं बैठ रहे हैं. जिसके चलते हारे के सहारे भाजपा रहेगी.