सिवाना से प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह जसोल जोधपुर. कांग्रेस ने मानवेंद्र सिंह जसोल को सिवाना से चुनावी मैदान में उतार दिया है, हालांकि उन्होंने तैयारी जैसलमेर से की थी. पिछले लंबे समय से वो क्षेत्र में जनसंपर्क भी कर रहे थे, लेकिन जैसलमेर से सीएम अशोक गहलोत ने रूपाराम को ही वापस टिकट दिया. इसके बाद राहुल गांधी के कहने पर मानवेंद्र सिंह को सिवाना के लिए राजी होना पड़ा. टिकट मिलने के बाद मानवेंद्र सिंह बुधवार को जोधपुर पहुंचे. यहां ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सिवाना से उनका पुराना रिश्ता है. उन्होंने कहा कि हर चुनाव में चुनौती होती है.
मानवेंद्र सिंह ने कहा कि वे पड़ोस के शिव से एमएलए रहे हैं, इसलिए सिवाना भी उनका दूसरा घर है. हर चुनाव में चुनौती होती है. पहले झालावाड़ से लड़ा था, वहां का अनुभव भी अच्छा रहा. इस बार जैसलमेर से तैयारी कर रहा था, लेकिन मैंने अंतिम निर्णय राहुल गांधी पर छोड़ रखा था. उन्होंने सिवाना के लिए कहा है तो अब वहां के कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर प्लानिंग करेंगे.
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नंबर और आदमी वही हैं, न बदला है न बदलेगाः राज्य स्तरीय सैनिक कल्याण समिति के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने कहा कि सिवाना की जनता जानती है कि मैंने आज तक अपना मोबाइल नंबर नहीं बदला है, अगर नंबर नहीं बदला है तो आदमी भी नहीं बदला है. मैं सिवाना की जनता के लिए काम करने को तैयार हूं, उनके लिए जो भी होगा जरूर करूंगा. मानवेंद्र सिंह से जब सिवाना सीट पर कई अन्य दावेदारों खासकर सुनील परिहार को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सुनील परिहार मेरे संपर्क में हैं. मेरी उनसे बात भी हुई है. वह हमेशा कार्यकर्ताओं के साथ रहे हैं, आज भी वह कार्यकर्ताओं के साथ कार्यक्रम कर रहे हैं. मुझे विश्वास है कि वह पार्टी के साथ रहेंगे और हम मिलकर काम करेंगे.
गत बार भेजा था झालावाड़ःबता दें कि 2013 के विधानसभा चुनाव में मानवेंद्र सिंह बाड़मेर जिले के शिव से भाजपा से विधायक चुने गए थे. उससे पहले वे एक बार बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र से सांसद भी रह चुके थे, लेकिन वुसंधरा राजे से उनकी खींचतान बनी रही. इसके चलते आखिरकार उन्होंने 2018 में कांग्रेस का हाथ थाम लिया. 2018 में कांग्रेस ने उनको वसुंधरा राजे के सामने चुनाव लड़ने झालवाड़ भेज दिया, जहां से वे हार गए. इस बार मानवेंद्र सिंह पूरी तैयारी के साथ जैसलमेर में जुट गए थे, लेकिन उन्हें सिवाना भेज कर पार्टी ने रुपाराम को टिकट दे दिया.