जोधपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर जोधपुर निर्वाचन क्षेत्र की 10 में से 2 सीटें पर ही उम्मीदवार घोषित कर पाई है. ओसियां से अभी उम्मीदवार घोषित होना है, लेकिन इस बीच सोमवार को ओसियां विधानसभा क्षेत्र से भाजपा नेता एवं बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष शंभूसिंह खेतासर ने घोषणा कर दी है कि वे हर हाल में ओसियां से चुनाव लड़ेंगे. इसकी जानकारी उन्होंने दिल्ली से लेकर प्रदेश के नेताओं को दे दी है. खेतासर ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर अपना वीडियो जारी कर ओसियां से हर हाल में चुनाव लड़ने की बात कही है.
हालांकि खेतासर ने यह साफ नहीं किया कि उन्हें टिकट नहीं मिला तो, निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या किसी और पार्टी का दामन थामेंगे. लेकिन यह जरूर कह दिया कि चुनाव लड़ना तय कर लिया है. इससे माना जा रहा है कि वे भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर खम्मभ ठोकेंगे. खेतासर ने अपने वीडियो में कहा है कि मैंने पार्टी के निर्देश पर लगातार सरदारपुरा से अशोक गहलोत के समाने चुनाव लड़ा है. मैंने पार्टी के नेताओं से कहा कि मुझे ओसियां से ही चुनाव लड़ना है. यह मेरा क्षेत्र है. 40 सालों से सेवा कर रहा हूं. अपने लोगों के बीच रहकर उनका सुख-दुख का भागीदार बनूं. खेतासार ने कहा कि मैंने यह निश्चिय कर लिया है कि मैं ओसियां से चुनाव लडूं. यह बात मैंने ईमानदारी से अपने नेताओं के सामने रख दी है.
जाट को देती है पार्टी टिकट, राजूपत निर्दलीय:परिसिमन के बाद से ओसियां विधानसभा से भाजपा जाट उम्मीवार उतारती आई है. 2013 में भैराराम सियोल ने चुनाव जीता था. लेकिन 2018 में हार गए. इस सीट पर जाट और राजपूत दोनों लगभग बराबर स्थिति में हैं. इसलिए भाजपा से राजपूत दावेदारी करते आए हैं. इसकी वजह भी है कि 2008 से पहले राजपूत ही चुनाव जीतते थे. गत चुनाव में महेंद्र सिंह भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा. उन्हें 40000 वोट लिए थे. भाजपा प्रत्याशी सियोल को हारना पड़ा. इस बार भी यहां त्रिकोणिय मुकाबला होना अब तय हो गया है. अगर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी भी उम्मीदवार उतारी है, तो यहां चतुष्कोणीय मुकाबला हो जाएगा. इसका सीधा नुकसान भाजपा प्रत्याशी को होगा और फायदा मौजूदा विधायक दिव्या मदेरणा को. क्योंकि भाजपा के परंपरागत राजपूत वोटर बंट जायेंगे.