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जयपुर और जोधपुर में अधिवक्ता भवन को कोविड 19 केयर सेंटर बनाने का प्रस्ताव, बीसीआर की वर्चुअल बैठक में हुआ प्रस्ताव - कोविड 19 केयर सेंटर

जोधपुर में मंगलवार को जोधपुर बार काउंसिल ऑफ राजस्थान की कार्यकारिणी समिति की अति आवश्यक बैठक आयोजित हुई. इस दौरान बैठक में कोरोना संक्रमण को देखते हुए जयपुर और जोधपुर में स्थित अधिवक्ता भवनों को कोविड 19 केयर सेंटर में स्थापित करने का निर्णय लिया गया.

राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर बार काउंसिल ऑफ राजस्थान
जयपुर और जोधपुर में अधिवक्ता भवन को कोविड 19 केयर सेंटर बनाने का प्रस्ताव

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Published : Apr 27, 2021, 10:41 PM IST

जोधपुर.जोधपुरबार काउंसिल ऑफ राजस्थान की कार्यकारिणी समिति की अति आवश्यक बैठक मंगलवार को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुलदीप कुमार शर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई. कार्यकारिणी समिति की ओर से राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जयपुर और जोधपुर में स्थित अधिवक्ता भवनों को कोविड19 केयर सेंटर में स्थापित करने का निर्णय लिया गया.

साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि उक्त अधिवक्ता भवनों को तत्काल प्रभाव कोविड 19 केयर सेंटर शुरू करने के लिए राज्य सरकार और राजस्थान उच्च न्यायालय से अनुरोध किया जाए और उसमें अधिवक्ताओं और उनके परिवारवालों को प्राथमिकता दी जाए.

समिति की ओर से ये भी निर्णय लिया गया की राजस्व मंडल में अधिवक्ताओं और न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति बाबत जो रिट याचिकाए राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर औरजयपुर में विचाराधीन हैं उसमें बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान पार्टी बने और इसके लिए अध्यक्ष बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान को अधिकृत किया गया.

राज्य सरकार से यह अनुरोध किया जाए की वो जल्द से जल्द बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान को 10 करोड़ रूपए की राशि प्रदान करे जिसकी घोषणा राज्य के बजट 2021.22 में की गई हैं. समिति की ओर से ये भी निर्णय लिया गया की राजस्थान सरकार की ओर से चिरंजीवी मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ सभी अधिवक्ताओं को पहुंचाने के लिए राज्य में स्थित सभी बार संघों को एक पत्र लिखकर अपने यहां शिविर का आयोजन कर इस योजना से सभी अधिवक्ताओं को जोड़ने का अनुरोध किया जाए.

साथ ही राज्य सरकार से अंतिम तिथि जो 30 अप्रैल 2021 हैं उसे बढ़ाने हेतु अनुरोध किया जाए. समिति की ओर से हाल ही में कुछ समाचार पत्रों में छपी खबर कि उच्च न्यायालयों में सेवानिवृत न्यायाधीशों की नियुक्ति की जायेगी का विरोध किया है और भारत सरकार से यह मांग की है कि उच्च न्यायालयों में सेवानिवृत न्यायाधीशो की नियुक्ति नहीं की जाए.

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भारत सरकार से यह मांग की है कि राजस्थान उच्च न्यायालय में रिक्त पडे जजों की नियुक्ति का मामला लंबे समय से विचाराधीन है अतः राजस्थान उच्च न्यायालय में रिक्त पड़े जजों की नियुक्ति शीघ्र की जाए और अधिवक्ता कोटे में से जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया पहले आरम्भ कर उनकी नियुक्ति की जाए. समिति की ओर से रेवेन्यू बोर्ड अजमेर व टोंक में जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मामले दर्ज हुए है अखबारों के माध्यम से कुछ अधिवक्ताओं के नाम भी उजागर हुए हैं. इस सम्बन्ध में सम्बंधित प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रतियां बार काउंसिल की ओर से मंगवा कर उचित कार्रवाई के लिए साधारण सभा की आगामी बैठक में रखे जाने का निर्णय लिया गया.

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