जोधपुर. हैदराबाद की नालसार लॉ यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति एवं संविधान विशेषज्ञ प्रो फैजान मुस्तफा का कहना है कि देश में सरकार और कॉलेजियम के बीच चल रहा टकराव ठीक नहीं है. यह लंबे समय तक नहीं चलना चाहिए. इससे नुकसान होता है. अगर देश के कानून मंत्री को कॉलेजियम का हिस्सा बना दें, तो यह टकराव दूर हो सकता है. प्रो मुस्तफा सोमवार को एनएलयू में भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी), विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के बौद्धिक सहयोग के 20वें संस्करण के तहत ऑफिस ऑफ एटॉर्नी जनरल, नेपाल के अधिवक्ताओं के लिए सोमवार से शुरू हुए दो सप्ताह के स्पेशल ट्रेनिंग कार्यक्रम के मुख्य अतिथी के रूप में शामिल हुए थे.
उन्होंने कहा कि वर्तमान गतिरोध में जजेज कह रहे हैं कि कॉलेजियम सर्वश्रेष्ठ है. लॉ मिनिस्टर इसके विरोध में बोल रहे हैं. यह टकराव खत्म होना चाहिए. यह देश के लिए अच्छा नहीं है. सरकार अगर राजी हो जाए, तो कानून मंत्री को कॉलेजियम में शामिल कर दिया जाए. वहां पर लोकतांत्रिक तरीके से फैसले हों. कानून मंत्री अपने कंसंर्स बताएं, बाकी के पांच जज अपने फैसले बताएं. इससे सरकार के लिए जजों की नियुक्ति आसान हो जाएगी. बहुत कम ऐसे मामले आएंगे जिसमें टकराव होगा. प्रो मुस्तफा ने कहा कि मैं समझता हूं कि टकराव के हालात को रोकना चाहिए. ऐसा कोई बीच का रास्ता होना चाहिए जिसमें सरकार की भी बात हो जाए और जजेज की भी.
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