जोधपुर.1962 के भारत-चीन युद्ध (India China War 1962) के दौरान देश की सीमा के रक्षार्थ सर्वोच्च शौर्य का प्रदर्शन करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए शहीद परमवीर मेजर शैतान सिंह (Major Shaitan Singh) का आज 60वां बलिदान दिवस है. इस मौके पर पावटा स्थित मेजर शैतान सिंह सर्कल पर उनकी प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें भारतीय सेना के जवानों ने अपने हीरो को याद किया. भारतीय सेना हर साल आज के दिन यहां श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित कर अपने वीर योद्धा को (Army remembered martyr) याद करती है. 1962 में चीनी सैनिकों और मेजर टुकड़ी के बीच हुआ युद्ध पूरी दुनिया में मशहूर है. केवल 114 सैनिकों के साथ उन्होंने 17 हजार फीट की ऊंचाई से चीन के हजारों सैनिकों का मुकाबला कर अदम्य साहस का परिचय दिया था.
26 जनवरी, 1963 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने सर्वोच्च बलिदान व शौर्य के लिए मेजर शैतान सिंह को मरणोपरांत देश (Paramveer Major Shaitan) का सर्वोच्च सैन्य सम्मान 'परमवीर चक्र'प्रदान किया गया था. परमवीर मेजर शैतान सिंह का जन्म 1 दिसंबर, 1924 को जोधपुर जिले के फलोदी तहसील के बाणासर गांव (अब शैतान सिंह नगर ) में कर्नल हेम सिंह भाटी के घर हुआ था. उनकी स्कूली शिक्षा चौपासनी विद्यालय व उच्च शिक्षा जसवंत कॉलेज में हुई. साल 1949 में उनको सेना में कमीशन मिला और कुमाऊं रेजिमेंट में शामिल किए गए. वहीं, शुक्रवार को उन्हें चौपासनी स्कूल में विशेष कार्यक्रम के दौरान याद किया गया.