जोधपुर.महामंदिर स्थित निजी अस्पताल में शनिवार को चिंरजीवी योजना के तहत मरीज के उपचार को लेकर धरने पर बैठी ओसियां विधायक (Osian MLA Divya Maderna) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रशासन से इस कदर नाराज हुई कि उन्होंने साफ शब्दों में उनकी कार्यशैली को लेकर इस्तीफे की धमकी दे दी थी. दिव्या मदेरणा ने कहा कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो मैं मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे दूंगी.
शनिवार रात को मामले का पटाक्षेप हो गया, लेकिन दिव्या मदेरणा की नाराजगी अभी दूर नहीं हुई है. मदेरणा लगातार ट्विटर पर जोधपुर प्रशासन को घेर रही है. शनिवार रात को दिव्या ने आरोप लगाया था कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारी निजी अस्पताल संचालक को बचा रहे हैं. वे उनके सामने बाहर लेकर चले गए, लेकिन जब दिव्या मदेरणा ने इस्तीफे की धमकी दी तो अधिकारियों के होश फाख्ता हो गए. उनके सामने खड़े एडीएम रामचंद्र गरवा की हालत खराब हो गई.
ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा इस दौरान दिव्या मदेरणा ने जमकर प्रशासन और पुलिस की विफलता गिनाई. मौके पर खड़े एडीसीपी नाजिम अली को भी नहीं बख्शा. मदेरणा ने कहा कि पुलिस के सहयोग से अस्पताल संचालक भाग गया. इस पूरे घटनाक्रम में दिव्या मदेरणा अफसरों को कहती नजर आ रही है कि चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना (Chiranjeevi Swasthya Bima Yojana) मुख्यमंत्री की फ्लैगशिप योजना है, आप लोगों की नहीं है. मदेरणा के तेवर देखने के बाद प्रशासन के हस्तक्षेप से मामला शांत हो गया, लेकिन विधायक का आक्रोश अभी जारी है.
जोधपुर प्रशासन पर साधा निशाना पढ़ें- अस्पताल में हंगामा: चिरंजीवी का लाभ दिलाने ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा बैठी धरने पर
ट्विटर पर जिला प्रशासन निशाने पर- विधायक लगातार जोधपुर कलेक्टर की कार्यशैली को लेकर ट्वीट कर रही हैं. सरकारी प्रावधानों को कलेक्टर की ओर से अनदेखा किया जा रहा है. इतना ही नहीं उन्होंने लिखा कि मेरे नंबर पर निजी अस्पताल को लेकर कभी कोई शिकायत हो तो बताए. बीते 24 घंटे में ही दिव्या मदेरणा ने कई ट्वीट कर श्रीराम अस्पताल की ओर से चिंरजीवी योजना के मरीजों से राशि लिए जाने के खुलासे करते हुए दस्तावेज शेयर किए हैं.
यह है पूरा मामला- दरअसल, ओसियां क्षेत्र के रहने वाले एक 43 वर्षीय युवक को 7 सितंबर को हार्ट अटैक आया था. उसे परिजन उपचार के लिए अस्पताल लेकर आए. लगभग मृत प्राय युवक के उपचार के लिए डॉक्टरों ने खर्च के रूप में तीन लाख बताए. इसको लेकर परिजनों ने सहमति दी, हस्ताक्षर भी किए. उपचार के बाद युवक के स्वास्थ्य में सुधार हो गया. अगले दिन परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को कहा कि उपचार चिरंजीवी योजना के तहत किया जाए. आरोप लगाया जा रहा है कि अस्पताल प्रशासन ने ऐसा करने से मना कर दिया. साथ ही परिजनों की सहमति से पैकेज पर इलाज होने की बात कही. इससे विवाद बढ़ता गया. इस दौरान विधायक ने भी योजना के तहत इलाज करने की बात कही. लेकिन योजना के अंतर्गत उपचार नहीं हुआ.
शनिवार को मरीज की छुट्टी होने पर अस्पताल ने बकाया राशि मांगी. इसपर परिजनों ने पैसे देने से मना कर (Hospital Denied treatment under Chiranjeevi Scheme) दिया. परिजनों का कहना है कि उन्होंने इलाज चिरंजीवी योजना के तहत करने को कहा था. जबकि अस्पताल का कहना है कि इलाज के लिए परिजनों ने सहमति दी है. जिसके बाद शनिवार देर शाम को विधायक दिव्या मदेरणा वहां पहुंची. इस दौरान उनकी भी डॉक्टरों से बहस हो गई. जिसके बाद वह धरने पर बैठ गईं थी.