जोधपुर. हाईकोर्ट ने RPMC के पंजीयन निरस्त का आदेश खारिज कर दिए हैं और नए सिरे से जांच के आदेश दिए हैं. जस्टिस अरूण भंसाली की अदालत में श्रवणराम व अन्य की ओर से याचिकाए दायर कर राजस्थान पैरा मेडिकल काउंसिल की ओर से 24 जुलाई 2021 को जारी आदेश को चुनौती दी गई. याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज भंडारी सहित कई अधिवक्ताओं ने याचिकाओं में बताया कि याचिकाकर्ता लैब असिस्टेंट, एक्स-रे टेक्नीशियन व रेडियोग्राफर के डिप्लोमा व डिग्रीधारी है.
राजस्थान पैरा मेडिकल काउंसिल ने एक आदेश जारी करते हुए सभी के रजिस्ट्रेशन को निरस्त कर दिया है. आरपीएमसी की ओर से गठित जांच कमेटी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश के चार अलग-अलग संस्थानों से डिप्लोमाधारी हैं, उनके दस्तावेजों में अनियमितताए पाई गई है और इनका पंजीयन निरस्त किया जाना आवश्यक है. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने कहा कि यह आदेश प्राकृतिक न्याय सिद्धांतों का उल्लंघन करता है. याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का अवसर दिए बिना ही पारित किया गया है.