लूणी (जोधपुर).केंद्रीय शुष्क अनुसंधान संस्थान, काजरी कृषि विज्ञान केंद्र में गुरुवार से किसानों के लिए दो दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है. इस ऑनलाइन प्रशिक्षण के दौरान किसानों को शुष्क क्षेत्र में फलदार पौधों का रोपण करने के लिए कृषि वैज्ञानिक जानकारी दे रहे हैं. प्रशिक्षण के दौरान गुरुवार को जोधपुर संभाग से ओसियां, तिंवरी, मथानिया, लूणी से किसानों ने फलदार पौधों के बारे में जानकारी ली गई. जिसमें अनार, बेर, गुंदा, खजूर और विभिन्न फलदार पौधों को लगाने के बारे में बताया गया.
कृषि वैज्ञानिक डॉ. हरिदयाल ने बताया कि गुंदे की पैदावार के लिए 'मरुस्थली समृद्धि' सबसे अच्छी वैरायटी है. 3 साल बाद ही इसकी भरपूर मात्रा में पैदावार होने लगती है. जिससे किसानों को लाभ मिलेगा. साथ ही अनार की खेती के लिए 'भगवा' और 'जालौर शीतलस' उत्तम वैरायटी हैं. दोनों किस्मों में कम समय में ही फल लगना शुरू हो जाता है. ढाई साल में ही किसान इसकी भरपूर मात्रा में पैदावार ले सकते हैं, साथ ही कम पानी में इसका उत्पादन हो जाता है.
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