जोधपुर. शहर के हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर के साथ अब तक की सबसे बड़ी ऑनलाइन ठगी हुई. इसका मामला महामंदिर थाने में दर्ज हुआ है. ठगी में व्यापारी अरविंद कालानी से 16 करोड़ से अधिक रुपए ऐंठने का मामला सामने आया है. महामंदिर थाना पुलिस ने बताया कि विदेशी कंपनी में निवेश के नाम पर यह ठगी हुई है (thugs duped Jodhpur Handicraft Exporter).
निवेश के बाद व्यापारी को लाभ सहित रकम वापस नहीं दी गई और इसके लिए तकादा किया तो ठगों ने एक्सपोर्टर को व्हाट्सएप ग्रुप से अलग कर दिया. जिसके बाद वह पुलिस के पास पहुंचा. मामले की जांच साइबर सेल के एसीपी मांगीलाल राठौड़ को दी गई है.
मेंबरशिप देकर पहले लुभाया फिर...प्राप्त जानकारी के अनुसार पावटा ए रोड निवासी अरविंद कालानी को 31 अक्टूबर को विदेशी महिला ने अमरीका के मोबाइल नम्बर से निर्यातक को व्हॉट्सऐप मैसेज किया (Online Fraud With Jodhpur Exporter). जिसमें अपना, कम्पनी का नाम और कम्पनी की वेबसाइट बताई. इसके बाद और लोगों से उसकी बात हुई. विदेशियों ने व्यापारी को लाभ के सारे आंकड़े समझाए. जिसके बाद एक्सपोर्टर ने कम्पनी में चार तरह की मेम्बरशिप (ब्रांज, सिल्वर, गोल्ड व प्लेटिनम) में से सिल्वर की सदस्यता लेकर दो करोड़ 27 लाख रुपए जमा करवाए. इसके एवज में कुछ दिनों तक कमीशन भी दिया गया जिसके बाद व्यापारी का भरोसा बढ़ गया. निवेश और किया गया. इस दौरान ठगों ने एग्रीमेंट भेजकर एक्सपोर्टर से डिजिटल हस्ताक्षर भी करवा लिए.
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लालच में फंसे ठगों के जाल मेंःशहर के हैंडीक्राफ्ट व्यवसायी अरविंद कालानी के साथ हुई 16 करोड़ से अधिक की ठगी की असली वजह लालच था. वह वेबसाइट से वायदा कारोबार का फारकॉस्ट मिलने के लालच में आ गए. ठगों ने अपनी शर्त रखी थी कि सिल्वर, गोल्ड, क्रूड आयल व अन्य के वायदा कारोबार के लिए जो भी टिप मिलेगी उस दिन उससे होने वाले लाभ की राशि तुरंत फोरकास्टर के खाते मे जमा करवानी होगी. जबकि लाभ उनके वेबसाइट के वॉलेट में जमा होगा. जिसे एक साथ वे विड्रो नहीं कर सकेंगे. इसके बाद जो खेल शुरू हुआ, उसमें हैंडीक्राफ्ट व्यसायी अरविंद ने अपने जीवन में मेहनत से कमाई पूंजी दांव पर लगा दी.
यह सिलसिला आगे भी चलता रहता. क्योंकि कालानी के वेबसाइट वॉलेट में 6 लाख 64 हजार अमेरिकी डॉलर का प्रॉफिट जमा हो गया था. जिसका भारतीय मूल्य 49 करोड़ था. लेकिन यह राशि वह विड्रॉ नहीं कर पा रहा था. इसके लिए कंपनी ने मेंबरशिप अपग्रेड करने का कहा. जिसके लिए पांच करोड़ रुपए जमा करवाने थे. इसके लिए जब वह रुपए का प्रबंधन करने लगा तो परिजनों को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने कंपनी से मेंबरशिप अपग्रेड करवाने से मना कर अपना लाभ मांगा तो कंपनी ने मना कर व्हाट्सएप चैट से बाहर कर दिया. तब पुलिस के पास पहुंचे. कालानी ने इस संदर्भ में बात करने से मना कर दिया.
810 करोड़ तक की ठगी का शकः पुलिस की शुरुआती पड़ताल में सामने आया है कि जिन खातों में कालानी ने पैसा जमा करवाया था. उनसे जुड़े लोग अब तक देश में कई लोगों से संभवतः 810 करोड़ रुपए की ठगी कर चुके हैं. पुलिस को बैंक खातों से मिली जानकारी में यह तथ्य सामने आया है. यह खाते मुंबई की आईडीएफसी व एक अन्य बैंक में हैं. एक बैंक में 310 करोड़ व एक में 500 करोड़ रुपए तक का लीन (होल्ड) लगा रखा है।