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भोपालगढ़ः किसानों को रुला रही प्याज...नहीं मिल रहे खरीदार, गिर रहे दाम

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Published : Apr 18, 2020, 6:03 PM IST

Updated : May 24, 2020, 3:31 PM IST

लॉकडाउन के चलते होटल और रेस्टोरेंट बंद हो जाने की वजह से ही प्याज की मांग में 40 प्रतिशत तक कमी आ गई है. भोपालगढ सब्जी मंडी में 2 गाड़ियां प्याज की प्रतिदिन आ रही हैं, लेकिन उन्हे खरीददार ही नहीं मिल रहे हैं. जिसके कारण प्याज की कीमतें एक बार फिर नीचे आ गई हैं.

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किसानों को रुला रहा प्याज, नहीं मिल रहे खरीदार

भोपालगढ (जोधपुर). कोरोना के चलते देश में चल रहे लॉकडाउन ने प्याज व्यापारियों के सपनों पर पानी फेर दिया है. भोपालगढ सब्जी मंडी में 2 गाड़ियां प्याज की प्रतिदिन आ रही हैं, लेकिन खरीददार ही नहीं मिल रहे हैं. जिसके कारण प्याज की कीमतें एक बार फिर नीचे आ गई हैं.

किसानों को रुला रहा प्याज, नहीं मिल रहे खरीदार

कोरोना वायरस को लेकर देशव्यापी लोगडाउन चल रहा है. ऐसे में किसान परिवार अपने खेतों में लॉकडाउन का पालन करते हुए ज्यादा मजदूरों को भी नहीं ले जा रहे हैं. ऐसे में अपने परिवार के सदस्यों के साथ ही खेतों में प्याज की कटाई कर रहे हैं. किसानों ने तीन-चार महीने पहले प्याज के अच्छे भाव को देखते हुए प्याज की बम्पर खेती की थी. लेकिन अब प्याज के भाव 10 रुपये किलो होने से किसानों काफी निराशा नजर आ रहे हैं. साथ ही किसानों को पर्याप्त व्यापारी भी नहीं मिल रहे हैं.

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रेस्टोरेंट बंद होने से डिमांड कमजोर-

देश में लॉकडाउन के कारण भोजनालय के साथ होटल और रेस्टोरेंट बंद हो जाने की वजह से ही प्याज की मांग में 40 प्रतिशत तक कमी आ गई है. खुदरा में इस समय प्याज 15 रूपए प्रति किलो बिक रहा है. मौजूदा थोक भाव का असर अगले 7 से 10 दिन में खुदरा कीमतों पर नजर आने लगेगा. प्याज के किसान इस समय बहुत तनाव में आ गए हैं. क्योंकि इस भाव से उनकी खेती में लगी लागत भी नहीं निकाल पा रही हैं. भोपालगढ मंडी में निर्यात की गुणवत्ता वाले प्याज के दाम थोक में 10 रूपए प्रति किलो है, जो खरीफ और रबी की फसल सीजन का निचला स्तर है. किसान खासकर खरीफ की देर वाली किस्में को बेचने की जल्दबाजी में नजर आ रहे हैं, क्योंकि ये किस्म जल्दी खराब हो जाती है.

Last Updated : May 24, 2020, 3:31 PM IST

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