जोधपुर.बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य व पार्टी के वरिष्ठ नेता ओम माथुर ने प्रदेश के नेताओं की सियासी महत्वाकांक्षा पर कहा कि हर नेता को महत्वाकांक्षी होना (Om Mathur statement on CM face in Rajasthan) चाहिए. इसमें कोई गलत बात नहीं है, लेकिन राजस्थान में सीएम फेस पर फैसला पार्लियामेंट्री बोर्ड को (Parliamentary board takes decision on CM face) लेना है. उन्होंने आगे कहा कि बोर्ड के फैसले को हर कार्यकर्ता मानता है. दरअसल, शनिवार को अल्प प्रवास पर माथुर जोधपुर पहुंचे थे, जहां एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. वहीं, एयरपोर्ट से वे सीधे अधिवक्ता लेखराज सिंघवी के निवास गए और उनका कुशलक्षेम जाना. इस दौरान मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए माथुर ने कहा कि हम बिना सीएम का चेहरा घोषित किए चुनाव लड़ते आए हैं.
साथ उन्होंने देवेंद्र फडणवीस, मनोहरलाल खट्टर और रघुवर दास सरीखे मुख्यमंत्रियों के नामों का जिक्र किया. माथुर ने कहा कि शायद ही किसी को इन नेताओं के सीएम बनने की उम्मीद रही होगी, लेकिन बीजेपी एक ऐसी पार्टी है, जो हर नेता के काम को देखती है. इधर, दिल्ली में हुई राजस्थान कोर कमेटी की बैठक पर उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आता है. ऐसे में वे कभी भी किसी भी प्रदेश की बैठक ले सकते हैं.
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मेरी कोई महत्वाकांक्षा नहीं:माथुर ने कहा कि उनकी खुद की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है. उनकी नजर में हमेशा कार्यकर्ता का पद ही परमानेंट होता है. बाकी सब पर तो कभी न कभी पूर्व लग ही जाता है, लिहाजा वे पूर्व नहीं होना चाहते हैं. आगे उन्होंने कहा कि पार्टी जब कोई जिम्मेदारी देती है तो वो हमेशा कोशिश करते हैं कि उसे ठीक ढंग से निभाया जाए, ताकि पार्टी का उनपर विश्वास कायम रहे. बता दें कि वर्तमान में माथुर छत्तीसगढ़ के प्रभारी हैं.
सीएम गहलोत पर साधा निशाना:प्रदेश कांग्रेस मचे सियासी घमासान पर उन्होंने कहा कि हमारे अंदर कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है. राजस्थान की हालत हम सब देख रहे हैं. एक कुर्सी से चिपके रहना चाहता है तो दूसरा उस फेविकोल के जोड़ को उखाड़ना चाहता है. खैर, इस झगड़े से राजस्थान की जनता त्रस्त है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के गांधी कहे जाने वाले मुख्यमंत्री के सियासी बर्ताव को सभी देख चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी की बराबरी नहीं हो सकती है.
तब सिंघवी की वजह से बनी थी सरकार: इस दौरान माथुर ने लेखराज सिंघवी का अभिनंदन करते हुए कहा कि हमारा 40 साल से संबंध है. 1993 में भैरोसिंह शेखावत ने उन्हें जयपुर बुलाया था. उस समय केंद्र में पांच सरकारें बर्खास्त हुई थी. लेकिन राजस्थान में हमने लेखराज सिंघवी की मदद से दुबारा सरकार बनाने में सफल रहे थे. उन्होंने कहा कि सिंघवी के कारण ही हम सुप्रीम कोर्ट में जीते थे.