जोधपुर.2008 में मेहरानगढ़ के चामुंडा मंदिर के दर्शनों को लेकर हुई भगदड़ की घटना को बीते 16 वर्ष हो गए. इस हादसे में 216 युवकों की मौत हुई थी, लेकिन मां चामुंडा के दर्शन को लेकर कभी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ. रविवार को शुरू हुए शारदीय नवरात्र के पहले दिन मेहरानगढ़ के बाहर से मंदिर तक हजारों की संख्या में श्रद्धालु कतारों में खड़े नजर आए. श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस, प्रशासन और मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए. बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी यहां तैनात किए गए हैं. इसके अलावा मेहरानगढ़ ट्रस्ट के भी कर्मचारी लगाए गए हैं. मौके पर चिकित्सा विभाग की ओर से भी पुख्ता व्यवस्था की गई है.
जोधपुर में मां चामुंडा की महत्ता इतनी ज्यादा है कि हर वर्ग के लोग यहां पर नवरात्र के दौरान शीश नावाने के लिए आते हैं. कई लोग जिनकी मन्नतें पूरी होती हैं, वह मेहरानगढ़ के मुख्य द्वार से मंदिर तक पत्थर की सड़क पर घुटनों के बल चल कर पहुंचते हैं. रविवार को भी ऐसे कई लोग नजर आए. श्रद्धालुओं में बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंचीं. आरती के बाद जोधपुर राज परिवार के सदस्य यहां पहुंचते हैं और चामुंडा माता की पूजा-अर्चना करते हैं.