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Navratri 2023 : मेहरानगढ़ हादसे के 16 साल, लेकिन कम नहीं हुआ श्रद्धालुओं का उत्साह, चामुंडा दर्शन के लिए लगी कतारें

Navratri Fist Day : शारदीय नवरात्र को लेकर जोधपुर में खासा उत्साह नजर आ रहा है. मेहरानगढ़ हादसे के 16 साल हो गए, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ. नवरात्र के पहले दिन मां चामुंडा के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगीं.

Enthusiasm of Devotees in Chamunda
चामुंडा के दर्शन के लिए लगी कतारें

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 15, 2023, 1:10 PM IST

जोधपुर.2008 में मेहरानगढ़ के चामुंडा मंदिर के दर्शनों को लेकर हुई भगदड़ की घटना को बीते 16 वर्ष हो गए. इस हादसे में 216 युवकों की मौत हुई थी, लेकिन मां चामुंडा के दर्शन को लेकर कभी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ. रविवार को शुरू हुए शारदीय नवरात्र के पहले दिन मेहरानगढ़ के बाहर से मंदिर तक हजारों की संख्या में श्रद्धालु कतारों में खड़े नजर आए. श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस, प्रशासन और मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए. बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी यहां तैनात किए गए हैं. इसके अलावा मेहरानगढ़ ट्रस्ट के भी कर्मचारी लगाए गए हैं. मौके पर चिकित्सा विभाग की ओर से भी पुख्ता व्यवस्था की गई है.

जोधपुर में मां चामुंडा की महत्ता इतनी ज्यादा है कि हर वर्ग के लोग यहां पर नवरात्र के दौरान शीश नावाने के लिए आते हैं. कई लोग जिनकी मन्नतें पूरी होती हैं, वह मेहरानगढ़ के मुख्य द्वार से मंदिर तक पत्थर की सड़क पर घुटनों के बल चल कर पहुंचते हैं. रविवार को भी ऐसे कई लोग नजर आए. श्रद्धालुओं में बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंचीं. आरती के बाद जोधपुर राज परिवार के सदस्य यहां पहुंचते हैं और चामुंडा माता की पूजा-अर्चना करते हैं.

चामुंडा दर्शन के लिए लगी कतारें

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216 लोगों की हुई थी मौत : 2008 से पहले मेहरानगढ़ में नवरात्र के पहले दिन सुबह 5 बजे ही गढ़ का दरवाजा खुल जाता था, जिसके बाद लोग दर्शन के लिए उमड़ते थे. इस दौरान ही 2008 में मंदिर से ठीक पहले ढलान वाले रास्ते से मंदिर तक पहुंचने के भीड़ जमा हुई. जमा भीड़ में ही युवक फंस गए. सुबह करीब पांच बजे फंसे हुए 216 लोगों ने दम तोड़ दिया था. इसके बाद यहां सुरक्षा प्रबंधन में पुलिस भी शामिल हुई. इस हादसे को लेकर सरकार ने जस्टिस जसराज चोपड़ा की अध्यक्षता में एक आयोग बनाया था, जिसकी रिपोर्ट सरकार को दे दी गई, लेकिन अभी तक वह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है. हालांकि, उस रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा-व्यवस्था के इंतजाम जरूर लागू किए गए हैं.

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