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जोधपुर: किसान आंदोलन के समर्थन में जन संगठनों ने निकाली रैली, कृषि कानूनों का किया विरोध

8 दिसबर को किसानों की ओर से भारत बंद का ऐलान किया गया है. इसके तहत मंगलवार को जोधपुर के फलोदी में भी भारत बंद का असर देखने को मिला. इस दौरान समता सैनिक दल फलोदी और कस्बे के विभिन्न लोगों ने संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में भारत बंद और किसान आंदोलन के समर्थन में रैली निकाली. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ रोष व्यक्त कर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

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किसानों ने किया कृषि कानूनों का विरोध

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Published : Dec 8, 2020, 4:10 PM IST

फलोदी (जोधपुर).जिले के फलोदी में मंगलवार को समता सैनिक दल फलोदी और कस्बे के विभिन्न लोगों ने संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में भारत बंद और किसान आंदोलन के समर्थन में मलार रोड चौराहे से एसडीएम कार्यालय तक रैली निकाली. इस दौरान लोगों ने किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन उप जिला कलेक्टर यशपाल आहुजा को सौंपा.

जयपुर में कृषि कानूनों को लेकर जारी प्रदर्शन

ज्ञापन में किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने, समर्थन मूल्य को बरकरार रखने, मौजूदा मंडी कानूनों को यथावत रखने और बड़े औधोगिक घरानों को फायदा पहुंचाने वाली और किसान विरोधी नीतियों पर रोक लगाने की मांगें प्रमुख हैं.

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रैली मलार चौराहा से रवाना होकर जयनारायण व्यास सर्किल होते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंची. इस अवसर पर समता सैनिक दल के प्रदेश महासचिव एडवोकेट गोरधन जयपाल, समाज सेवी भैराराम मकवाना, सरपंच मोहम्मद अली ननेऊ, कांग्रेस ओबीसी विभाग के प्रदेश संयोजक सुशील भार्गव, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अब्दुल कलाम मेहर, सरपंच सुरजाराम मेघवाल सहित दर्जनों गणमान्य नागरिक और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे. इसी प्रकार वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रकाश छंगाणी और आंनद व्यास, कांग्रेस अध्यक्ष एडवोकेट श्रीगोपाल व्यास ने भी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजकर किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग की है.

जोधपुर के लोहावट में भी दिखा बंद का असर

जोधपुर के लोहावट में किसान कानून के विरोध में प्रस्तावित भारत बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला. रोजाना की तरह बाजार तय समय पर बाजार खुलने के बाद स्थानीय कोंग्रेस नेता बाजार में पहुंचे और व्यपारियों से किसानों के समर्थन में बंद की अपील की.

जिसके बाद व्यपारियो ने सांकेतिक रूप से अपने प्रतिष्ठान बंद कर उन्हें समर्थन दिया. कोंग्रेस नेताओं की ओर से मुख्य बाजार में केंद्र सरकार के इस बिल के विरोध में नारेबाजी कर रैली के रूप में उपखंड कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने प्रदर्शन कर इस बिल को वापस लेने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री के नाम एसडीएम राजीव शर्मा को ज्ञापन सौंपा.

जयपुर में कृषि कानूनों को लेकर जारी प्रदर्शन

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने भारत बंद किया है. किसानों के भारत बंद को विपक्षी दलों का भी समर्थन मिला है. राजस्थान में कांग्रेस ने भी किसानों के भारत बंद को समर्थन दिया है. राजधानी जयपुर में भारत बंद के समर्थन में कांग्रेस नेता और किसान नेताओं ने ट्रैक्टर रैली निकाली. कांग्रेस और किसान नेता मोहन डागर के नेतृत्व में ट्रैक्टर रैली निकाली गई. ट्रैक्टर रैली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से रवाना होकर पंत कृषि भवन पहुंची.

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ट्रैक्टर रैली के पंत कृषि भवन पहुंचने पर भवन में स्थित गोविंद बल्लभ पंत की मूर्ति पर ज्ञापन सौंपा गया. कांग्रेस और किसान नेता मोहन डागर ने कहा कि भारत बंद में किसानों का समर्थन कर रहे हैं. जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेगी, तब तक कांग्रेस किसानों की लड़ाई लड़ती रहेगी. कृषि कानून को वापस लेने के लिए राष्ट्रपति के नाम गोविंद बल्लभ पंत की मूर्ति को ज्ञापन दिया जा रहा है. गोविंद बल्लभ प्रथम कृषि मंत्री थे. उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर रैली के माध्यम से हम लोग केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुमताज मसीह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरु से ही किसानों के साथ हैं. राहुल गांधी ने भी ट्रैक्टर रैली निकाली. कांग्रेस पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता किसानों को सपोर्ट कर रहे हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसानों के साथ हैं. भारत बंद के दौरान प्रत्येक जिले में कांग्रेस का हर कार्यकर्ता बंद को सफल बनाने के लिए लोगों से भी अपील कर रहा है. शांतिपूर्ण तरीके से कांग्रेस के कार्यकर्ता भारत बंद को सफल बनाने का प्रयास कर रहे हैं.

कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए सौंपा ज्ञापन

करौली में भारत बंद को मिला समर्थन

केंद्रीय सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के समर्थन में भारत बंद का असर सफल नजर आया. शहर सहित उपखंड मुख्यालयों पर बाजार बंद रहे. वहीं, इक्का दुक्का दुकान जरूर खुली नजर आई. भारत बंद को लेकर जिले में कांग्रेस सहित व्यापारिक और अन्य संगठनों ने बंद को समर्थन दिया है. सुरक्षा की दुष्टी से जगह जगह पुलिस जाब्ता तैनात रहा. दूसरी तरफ युवाओं की टोली ने बाजारों में जाकर दुकानदारों से किसानों के समर्थन में दुकान बंद रखने की अपील भी की.

दुकानदारों ने बताया कि किसान हमारे अन्नदाता है. उनके समर्थन में सभी ने दुकानें बंद रखने का फैसला किया है. केंद्र सरकार ने हठधर्मिता पूर्वक किसानों पर कानून लाद दिया है. इसको लेकर किसान पिछले 13 दिन से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है.

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दुकानदारों ने कहा कि मंगलवार को किसानों के साथ पूरा देश खड़ा हुआ है. दुकानदारों ने कहा कि सरकार किसानों की समस्या का शीघ्र निस्तारण करें और कानून में बदलाव लाए जिससे आमजन को राहत मिल सके और बाजार सुचारू रूप से चल सके. थाना अधिकारी दिनेश चंद्र मीणा ने बताया कि शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया है. भारत बंद के दौरान शहर में कानून व्यवस्था कायम रही. रैली निकालने के दौरान भी शांति रही.

आपातकालीन सेवाएं चालू

बंद के दौरान जिले में आपातकाली सेवाएं चालू रही. अस्पताल, मेडिकल स्टोर, पेट्रोल पंप जैसी सुविधाओं को बंद से दूर रखा गया है. बाजार में सन्नाटा पसरा होने से ऑटो भी कम दिखाई दे रहे हैं. सुरक्षा के लिहाज से भारत बंद को देखते हुए जिले में पुलिस जाब्ता भी बढ़ाया गया है. जगह-जगह पुलिसकर्मी व्यवस्थाओं पर नजर रखे नजर आ रहे हैं. वहीं, पुलिस अधिकारी गश्त करते हुए नजर आए.

नागौर के मकराना में नहीं दिखा बंद का असर

किसानों की ओर से कृषि बिलों के विरोध में भारत बंद के आह्वान का मकराना में कोई विशेष असर देखने को नहीं मिला. मंगलवार की दोपहर तक मकराना शहर के सभी बाजार एवं प्रतिष्ठान खुले नजर आए.

वहीं दूसरी ओर मार्बल मंडी में भी मार्बल का व्यापार जारी रहा. भारत बंद के आह्वान को सफल बनाने में कांग्रेस का समर्थन दिए जाने के बाद भी कांग्रेस की ओर से बंद को सफल बनाने के प्रयास दोपहर तक नहीं किए गए. बंद के असफल होते देख नगर परिषद के उपसभापति अब्दुल सलाम भाटी के सानिध्य में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सामूहिक रूप से पैदल मार्च कर दुकानों को बंद करवाया.

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साथ ही कृषि कानून बिल को वापस लिए जाने की मांग को लेकर नारेबाजी की गई. इस दौरान कुछेक स्थानों पर दुकानदारों ने विरोध करने का भी प्रयास किया लेकिन इसके बाद दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए. इसी प्रकार ब्लॉक कांग्रेस के शहर मंडल अध्यक्ष एडवोकेट मोहम्मद शरीफ चौधरी, महामंत्री मोहम्मद शफी उर्फ बबलू गैसावत, कमल कुमार मुंडेल, राजेंद्र कुमार आदि की ओर से भी बाजार बंद करवाए जाने में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का सहयोग किया.

किसानों का कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी

अजमेर में NSUI ने किया भारत बंद का समर्थन

किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए मंगलवार को भारत बंद का आह्वान किया गया. कांग्रेस ने भी इसे समर्थन दिया. अजमेर में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला कांग्रेस समर्थित एनएसयूआई ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के बाहर मानव श्रृंखला बनाकर रोड जाम किया.

छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रदर्शन करते नाराजगी जताई. एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान बिल लाकर हठधर्मिता का परिचय दिया है. इससे किसानों की स्थिति और बुरी हो जाएगी. ऐसे में इस काले कानून को वापस लेने की मांग की गई है. अगर मांग नहीं मानी जाती है तो छात्र दिल्ली की ओर कूच करेंगे और सरकार को इस कानून को वापस लेने के लिए मजबूर करेंगे.

NSUI छात्र नेता ने रास्ता किया जाम

किसान विरोधी बिल को लेकर एनएसयूआई छात्र संगठन ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के बाद सड़कों पर बैठकर रास्ता जाम कर दिया. लगातार नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे छात्र नेताओं ने कहा कि ये बिल किसान विरोधी है जिसके खिलाफ भारत बंद संपूर्ण सफल रहा है तो वहीं कांग्रेस वो एनएसयूआई छात्र संगठन किसान के साथ है.

हनुमानगढ़ में भी कृषि अध्यादेश को वापस लेने की मांग

केंद्र के कृषि अध्यादेशों को वापस लेने की मांग को लेकर मंगलवार को भारत बन्द का हनुमानगढ़ जिले में व्यापक असर देखने को मिला. बन्द के दौरान जिले के कस्बों में बाजार पूरी तरह बन्द रहे. इस दौरान किसानों के आंदोलन को व्यापारियों ने भी समर्थन दिया और स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद रखे.

बन्द के दौरान मुख्यता माकापा कार्यकर्ताओं और किसानों-मजदूरों ने सैंकड़ों की संख्या में जिला मुख्यालय बाजार में रैली निकली और जिले में कई स्थानों पर चक्काजाम किया और केंद्र सरकार विरोधी नारे लगाते हुए तीनों कानून वापस लेने की मांग की.

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इस दौरान किसानों ने सड़क के बीच ट्रैक्टर-ट्रॉलियां खड़ी कर चक्काजाम किया. बन्द का असर जिलेभर में देखने को मिला और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य प्रतिष्ठान बंद रहे. वहीं, प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस जाब्ता भी माजूद रहा. माकापा नेता और मक्कासर सरपंच ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो देश के प्रधानमंत्री की कोठी को भी घेरेंगे, लेकिन ये काले कानून हरगिज लागू नहीं करने देंगे.

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