ओसियां (जोधपुर).जिले के ओसियां के सिल्ली में श्मशान तक जाने का रास्ता ना मिल पाने के कारण 36 घंटे तक एक वृद्ध दलित महिला का शव आंगन में रखा रहा. जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने परिजनों से समझाइश की, लेकिन परिजन प्रशासन के सामने नाराजगी जताते हुए पत्थरगढ़ी के लिए अड़े रहे. फिर जिला कलेक्टर तक मामला पहुंचा, तब जाकर बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार हो पाया.
गौरतलब है कि सिल्ली निवासी पेपीदेवी मेघवाल (80) का निधन हो गया, मगर सरकारी रास्ता नहीं होने से परिजन बुजुर्ग महिला को दाह संस्कार के लिए नहीं ले जा सके. साथ ही पटवारी के माध्यम से ओसियां उपखण्ड प्रशासन को इसकी सूचना दी गई. जिसके बाद उपखण्ड अधिकारी रतनलाल रैगर मय पुलिस थानाधिकारी खेड़ापा मौके पर पहुंचे.
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उन्होंने परिजनों से समझाइश की मगर परिजन 2012 में उपखण्ड अधिकारी द्वारा फैसले के तहत पत्थरगढ़ी कर जाने का रास्ता देने पर ही महिला के अंतिम संस्कार करने की बात पर अड़ गए. अंत्येष्टी की बात पर सहमति नहीं बनने पर प्रशासन वापस लौट गया.
जिला कलेक्टर तक पहुंचा मामला, तब हो पाया अंतिम संस्कार
परिजनों की सूचना पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष भागीरथ नैण मौके पर पहुंचे और जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से दूरभाष पर वार्ता कर घटना की जानकारी दी. कलेक्टर के निर्देश पर उपखण्ड अधिकारी रतनलाल रैगर, भोपालगढ़ पुलिस वृताधिकारी धर्मेंद्र डऊकिया, खेड़ापा थानाधिकारी केसाराम बांता मय पुलिस जाप्ता की उपस्थिति में तहसीलदार चमनलाल, भू-उपनिरीक्षक, पटवारी ने मौके पर हाथो-हाथ पैमाइश कर पत्थरगढ़ी की गई.