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Literature Festival: कुमार विश्वास का बीजेपी पर व्यंग्य! कहा- आज कबीर होते तो उनके खिलाफ हजारों मुकदमे होते - Rajasthan Hindi News

जोधपुर में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में कवियों ने अपनी कविता से श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी. वहीं, कवि कुमार विश्वास ने बीजेपी पर व्यंग्य करते हुए कहा, आज कबीर होते तो उनके खिलाफ हजारों मुकदमे होते.

Rajasthan Literature Festival
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Published : Mar 26, 2023, 11:28 AM IST

कुमार विश्वास का बीजेपी पर व्यंग्य!

जोधपुर. राजस्थान साहित्य उत्सव के पहले दिन जोधपुर के उम्मेद गार्डन के जनाना बाग में आयोजित कवि सम्मेलन में देश के जाने-माने कवि कुमार विश्वास के संचालन में हुए सम्मेलन में कवियों ने देश के वर्तमान हालातों राजनीति राष्ट्रप्रेम सहित सभी मुद्दों पर जोरदार तरीके से अपनी बात कही. कुमार विश्वास ने संचालन के दौरान कहा कि आज जो स्थितियां भरी हुई है अगर आज कबीर होते तो उन पर 2,000 मुकदमे हो जाते. उनकी छाती पर बजरंगी कूद रहे होते.

विश्वास ने कहा कि इस अंधेरे वक्त में बोलना नहीं सोचना भी संदेह के घेरे में आ गया है. इसलिए कवियों साहित्यकारों को जिम्मेदारी बन जाती है कि वे चेतना का काम करें. कुमार ने कहा कि जिस समाज की कविता मर जाती है तो वह डरा हुआ समाज होता है, कुमार ने अपने छंद मुक्तों से कांग्रेस भाजपा पर निशाना साधा. एक कविता में जनता को बिना भय के चोर को चोर को चोर कहने की भी नसीहत दी. कवि सम्मेलन में राजस्थान के कवि आईदान सिंह भाटी ने अपनी कविता की कहानी सुनाई.

उन्होंने कहा कि बहुत मुश्किल समय है सबको मिलकर साथ रहना होगा. राम और अजान से मिलकर की रमजान बनाता हैं. अपने शेर शायरी से सभी को एक होने की बात कही. अजमेर की पूर्व सांसद डॉ. प्रभा ठाकुर ने बेटियों पर अपनी रचना सुनाई. इसी तरह से कवि दुर्गादान ने कविता सुनवाई. प्रदेश सरकार के मंत्री बीडी कल्ला पूरे समय मोजूद रहे.

कोई नहीं तो दिव्या ही बहुत बोलने के लिए : कवि सम्मलेन सुनने आई ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा पर कुमार विश्वास ने कहा कि यह कविता भी पढ़ने लगी. इतना ही विधानसभा में कोई विपक्ष वाला नहीं बोले तो यह अकेली ही काफी है बोलने के लिए. कुमार विश्वास ने प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी के लिए कहा कि अब पूछा जाने लगा है दौसा वाले है क्या?

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अकेला ही आदमी हो बदलाव लाता है : 3 दिन पहले राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने पर कुमार ने कहा कि दुनिया में आज तक जो बड़े बदलाव आए हैं, उनके पीछे वही व्यक्ति रहा है जिसे घर से निकाला गया हो. इसलिए यह स्वर्णिम अवसर है, लेकिन इसके लिए उतना ही आत्मविश्वास रखना होगा.

सरल ने छोड़े व्यंग्य के बाण : कवि संपत सरल ने राजनीति पर अपनी रचना तमाशे बाज राजा पर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी. इसी तरह से उन्होंने मन की बात और काम की बात को लेकर को विश्लेषण किया उसे लोगों ने खूब पसंद किया. कवि जगदीश सिंह ने अपनी कविता तिरंगा सुना कर राष्ट्र भक्ति का संदेश दिया. उन्होंने कहा तिरंगा सब जानता है.

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