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बेटे को गोद में लेकर स्कूल जाती है पूनम...12वीं पास कर नौकरी करने का है सपना - story of Jodhpur poonam

गोद में ढाई साल का बेटा और आंखों पढ़ाई पूरी करने के सपने के साथ (Poonam goes to school with her son) जोधपुर की पूनम रोज अन्य छात्राओें की तरह यूनिफॉर्म पहनकर स्कूल आती है. पूनम का सपना है कि वह 12वीं पास कर नौकरी करे और अपने पैरों पर खड़ी हो सके, यही वजह है कि पूरी मेहनत से पढ़ाई कर रही है. पढ़ें पूरी खबर...

Poonam goes to school with her son
Poonam goes to school with her son

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Published : Nov 21, 2022, 7:27 PM IST

Updated : Nov 21, 2022, 10:32 PM IST

जोधपुर.शिक्षा प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती है, बस मन में दृढ़ इच्छा होनी चाहिए. यदि कोई ठान ले कि उसे पढ़ना है तो वह अपना लक्ष्य हासिल कर ही लेता है. ऐसे कई उदाहरण देखने और सुनने को मिलते हैं. जोधपुर की पूनम भी उन्हीं में से एक हैं जिन्होंने शादी और संतान होने के बाद भी पढ़ाई पूरी करने की इच्छा जताई और चार साल बाद पति के सहयोग से 11वीं की कक्षा में दाखिला लिया. गोद में बच्चा (Poonam goes to school with her son) और एक हाथ में बैग लेकर यूनिफार्म पहनकर पूरे उत्साह के साथ स्कूल जाती हैं. पूनम की इच्छा है कि वह 12वीं पास कर लें ताकि खुद भी अपने पैरों पर खड़ी हो सकें.

यह कहानी है जोधपुर की पूनम की. पूनम सांसी समाज से हैं जहां महिलाओं की पढ़ाई को लेकर इतनी जागरूकता नहीं है, लेकिन उसने शादी के बाद भी पढ़ाई पूरी करने का हौसला दिखाया यह काबिल-ए-तारीफ है. ​हर दिन वह गोद में बच्चे को लेकर घर से स्कूल के लिए यूनिफार्म पहन कर निकलती है तो देखने वाले देखते ही रह जाते हैं. ढाई साल का बेटे को लेकर (Poonam join school after four years of Marriage) पूनम क्लास में बैठकर पढ़ाई करती है. पूनम जोधपुर के रातानाड़ा क्षेत्र स्थित सांसी कॉलानी राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 11 में पढ़ती है. उसकी पढाई के प्रति लगन देखकर ही स्कूल की प्रिंसिपल ने पूनम को स्कूल में उसके ढाई साल के बेटे के साथ आने की अनुमति दी है.

बेटे को गोद में लेकर स्कूल जाती है पूनम

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सबने विरोध किया सिर्फ पति ने साथ दिया
पूनम बताती है कि उसने दसवीं तक पढ़ाई की थी. करीब चार साल पहले उसकी शादी हो गई. उसके बाद परिवार और फिर बच्चे की जिम्मेदारी के चलते वह आगे नहीं पढ़ सकी. उसका पति आटो चलाता है. पूनम ने उसे समझाया कि वह 12वीं पास कर लेगी तो कोई नौकरी कर सकेगी. वह एएनएम या जीएनएम की नौकरी कर सकती है.​ इसके बाद उसके पति ने हिम्मत कर उसका घर के पास स्थित स्कूल में दाखिला करवा दिया. वह स्कूल जाने लगी तो घरवालों ने विरोध करना शुरू कर दिया, लेकिन पति ने उसका साथ दिया और उसकी पढ़ाई जारी रखी.

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झुकी नहीं विरोध के आगे
पूनम अपने घर का पूरा काम करने के बाद स्कूल आने लगी तो बेटा अकेला रहता था. उसने प्रिंसिपल से अपनी समस्या बताई और बच्चे को लेकर स्कूल आने की अनुमति मांगी. इस प्रिंसिपल ने भी पढ़ाई के प्रति पूनम की इच्छा को देखते हुए उसे बच्चे के साथ स्कूल आने की अनुमति दे दी. कुछ दिनों बाद स्कूल से कहा गया कि यूनिफार्म में ही आना होगा. यूनिफार्म पहन कर घर से निकली तो गली-मोहल्लों वाले हंसी उड़ाने के साथ ताने भी मारने लगे लेकिन वह अपने लक्ष्य से नहीं डिगी. जब उसने स्कूल जाना बंद नहीं किया तो लोग भी चुप हो गए. आज भी बेटे को गोद में लेकर अपनी बस्ती की गलियों से निकलती है तो लोग अचरज से देखते हैं लेकिन अब ताने नहीं मारते हैं. पूनम का कहना है कि हमारे यहां बेटियों की छोटी उम्र में ही शादी हो जाती है. मैं चाहती हूं कि पढाई पूरी करूं और अपने पैरों पर खड़ी हो सकूं.

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सब करते हैं तारीफ
स्कूल की राजनीतिक विज्ञान की प्राध्यापिका पुष्पा पिपरालिया कहती हैं कि उनके लिए यह पहला उदाहरण है जहां पढ़ाई के लिए मां अपने बेटे को लेकर स्कूल आ रही है. वह हर दिन समस्याओं से जूझती है लेकिन स्कूल आना बंद नहीं करती है. इसलिए हम भी उसका सहयोग करते हैं. हम भी चाहते हैं कि वह पढ़ती रहे. इसी तरह से सांसी समाज के सामजिक कार्यकर्ता अजय सांसी कहते हैं कि पूनम के स्कूल जाने पर पहले लोगों ने बहुत विरोध किया लेकिन वह रुकी नहीं. शिक्षा के प्रति जागरूक होने का पूनम बढ़िया उदाहरण हैं. वह समाज के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं.

Last Updated : Nov 21, 2022, 10:32 PM IST

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