जोधपुर.शिक्षा प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती है, बस मन में दृढ़ इच्छा होनी चाहिए. यदि कोई ठान ले कि उसे पढ़ना है तो वह अपना लक्ष्य हासिल कर ही लेता है. ऐसे कई उदाहरण देखने और सुनने को मिलते हैं. जोधपुर की पूनम भी उन्हीं में से एक हैं जिन्होंने शादी और संतान होने के बाद भी पढ़ाई पूरी करने की इच्छा जताई और चार साल बाद पति के सहयोग से 11वीं की कक्षा में दाखिला लिया. गोद में बच्चा (Poonam goes to school with her son) और एक हाथ में बैग लेकर यूनिफार्म पहनकर पूरे उत्साह के साथ स्कूल जाती हैं. पूनम की इच्छा है कि वह 12वीं पास कर लें ताकि खुद भी अपने पैरों पर खड़ी हो सकें.
यह कहानी है जोधपुर की पूनम की. पूनम सांसी समाज से हैं जहां महिलाओं की पढ़ाई को लेकर इतनी जागरूकता नहीं है, लेकिन उसने शादी के बाद भी पढ़ाई पूरी करने का हौसला दिखाया यह काबिल-ए-तारीफ है. हर दिन वह गोद में बच्चे को लेकर घर से स्कूल के लिए यूनिफार्म पहन कर निकलती है तो देखने वाले देखते ही रह जाते हैं. ढाई साल का बेटे को लेकर (Poonam join school after four years of Marriage) पूनम क्लास में बैठकर पढ़ाई करती है. पूनम जोधपुर के रातानाड़ा क्षेत्र स्थित सांसी कॉलानी राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 11 में पढ़ती है. उसकी पढाई के प्रति लगन देखकर ही स्कूल की प्रिंसिपल ने पूनम को स्कूल में उसके ढाई साल के बेटे के साथ आने की अनुमति दी है.
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सबने विरोध किया सिर्फ पति ने साथ दिया
पूनम बताती है कि उसने दसवीं तक पढ़ाई की थी. करीब चार साल पहले उसकी शादी हो गई. उसके बाद परिवार और फिर बच्चे की जिम्मेदारी के चलते वह आगे नहीं पढ़ सकी. उसका पति आटो चलाता है. पूनम ने उसे समझाया कि वह 12वीं पास कर लेगी तो कोई नौकरी कर सकेगी. वह एएनएम या जीएनएम की नौकरी कर सकती है. इसके बाद उसके पति ने हिम्मत कर उसका घर के पास स्थित स्कूल में दाखिला करवा दिया. वह स्कूल जाने लगी तो घरवालों ने विरोध करना शुरू कर दिया, लेकिन पति ने उसका साथ दिया और उसकी पढ़ाई जारी रखी.