जोधपुर.शहर के मंगरा पूंजला के कीर्तीनगर की गली में बीते 8 अक्टूबर को गैस सिलेंडर हादसे के (Jodhpur Cylinder Blast) बाद से सन्नाटा पसरा है. गली में रोजाना की चहल-पहल नहीं नजर आती है. ऐसा इसलिए क्योंकि दस दिनों में यहां सात लोगों की अर्थियां निकल चुकी हैं. सभी शोक संतृप्त हैं. आलम यह है कि 10 दिन से मृतकों के लिए हो रहीं शोक सभाएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. यहां दिवाली की रौनक नहीं मातम के स्वर गूंज रहे हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बार की ये काली दिवाली यहां के लोग कभी भुला नहीं पाएंगे. बुधवार सुबह ही लोगों ने नम आंखों से अशोक जोशी को विदा किया था. लोगों का कहना है कि सरकार को इन परिवारों की सुध लेने में गंभीरता दिखानी होगी. अभी भी हादसे में घायल चार लोग अस्पताल में भर्ती हैं. इनमें दो को छुट्टी मिलने के बाद वापस भर्ती करवाया गया है. सरकार की ओर से घोषित मुआवजा भी नहीं मिला है. उसकी प्रक्रिया चल रही है. घायलों के चेक बन गए हैं, लेकिन कई की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई है. ऐसे में उनका मुआवजा भी बढ़ गया. उसको लेकर कागजी कार्रवाई चल रही है.
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दिवाली की रौनक की जगह सन्नाटा
दिवाली नजदीक होने पर हर गली-मोहल्लों में रौनक रहती है. बच्चों में छुट्टियों को लेकर उत्साह बना रहता है, लेकिन इस गली से दिवाली की रौनक गुम हो चुकी है. सभी लोग शोक संतृप्त हैं. यहां से निकली सात लोगों की अर्थी को कांधा दे चुके अमन बताते हैं कि घटना के बाद से लोगों ने घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया है. शाम सात बजे बाद गली में सन्नाटा सा पसर जाता है. त्योहार के मौके पर ऐसे हालात पहली बारआए हैं. सरकार से हमारी गुहार है कि प्रभावित परिवारों के प्रति गंभीरता दिखाए.